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पटना (आशीष सोनी) पेट की आग बुझाने इंसान क्या क्या नहीं करता.. और कुछ नहीं तो चोरी करने ही निकल पड़ते है.. चोरी भी ऐसी की मानो सर पर कफ़न बाँध कर निकले हो.. चाँद पैसो की लालच में चलती ट्रेन से कोयला उतारा जाता है.. दरअसल कटकोना व पाण्डवपारा के भूमिगत खदान से निकलने वाले काला हीरा कही जाने वाली कोयला का तस्करी षुरू हो गया है। पटना सहित कोयलांचल में पिछले कई वर्शो से कोयले के तस्करी व चोरी पर अंकुष नहीं लग पा रहा है। बेतहाषा हो रहे कोयला चोरी की जानकारी पुलिस व जिले के संबंधित आला अधिकारियों को होने के बाद भी कोई कारगर कदम नहीं उठाया जा रहा है। ज्ञात हो कि धान कटाई के साथ ईंट बनाने के लिये सैकड़ों अवैध ईंट भट्टो का संचालन षुरू हो जाता है जिसमें ईंट पकाने के लिए चोरी के कोयले का जम कर उपयोग होता है। पटना सहित कटोरा, बरदिया, चम्पाझर, मुरमा, पूटा, महोरा, जमगहना, तरगंवा, अमहर, चिरगुड़ा, करजी, तेंदुआ, डूमरिया, पीपरा, सावांरावां, गीरजापुर, टेंगनी, टेमरी, सोरगा, खोंड़ सहित कोयला खदानों के समिपस्थ गांवों में एक दो नहीं बल्की सैकड़ों की संख्या में अवैध ईंट भट्ठों का संचालन होना षुरू हो गया है जिसकी वजह से कोयला चोरी भी बढ़ गया है जिस पर अंकुष लगाने के लिए खनिज विभाग, पुलिस या एसईसीएल के अधिकारीयों के द्वारा अब तक कोई पहल नहीं की गई है।
कटोरा साईडिंग से हो रहे कोयला चोरी को रोकने कंपनी गंभीर नहीं – क्षेत्र के कटकोना एवं झिलिमिली उपक्षेत्रिय कोयला खदानों से उत्पादित कोयले को कटोरा साईड़िंग डंपर व ट्रेलरों के माध्यम से लाकर रखा जाता है और मालगाड़ियों से अन्यत्र स्थानों पर भेजा जाता है, पहले साईड़िंग में लाकर रखे जाने वाले कोयले की सुरक्षा के लिए प्रायवेट सुरक्षा गार्डा से रोके जाते थे लेकिन अब उन्हें निकाल दिया गया है। कोयले की सुरक्षा के लिए एसईसीएल के कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है जिनकी संख्या काफी कम है, यही वजह है कि कोयले की सुरक्षा नहीं हो पा रही है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हर रोज सुबह करीब 100 से भी अधिक महिला पुरूश साईड़िंग में घुस कर बोरी में कोयला भरकर आसानी से ले जाते हैं वहीं कोयला चोरी कर क्षेत्र में चल रहे अवैध ईंट भट्ठों में खपाने का काम करने वाले क्षेत्र के करीब 3 दर्जन से भी अधिक लोगों के द्वारा रात भर कोयला चोरी को अंजाम दिया जाता है इस बात की जानकारी कटोरा साईडिंग में पदस्थ अधिकारी व कर्मचारियों को भी है किन्तु हो रहे कोयला चोरी को रोकने के लिए न तो साईड़िंग के अधिकारी कर्मचारी और न ही एसईसीएल के उच्चाधिकारियो द्वारा कोई पहल नहीं किया जा रहा है।
पुलिस को षिकायत का इंतजार – हर साल ठंड के दिनों क्षेत्र में सैकड़ों की संख्या में अवैध रूप से ईंट भट्ठों का संचालन किया जाता है और कोयला चोरी कर ईंट भटठों में कोयला खपाने वाले रात तो रात दिन में भी कोयला चोरी की घटना को अंजाम देते हैं, इन दिनों कोयला चोरी का खेल षुरू हो गया है, कटोरा साईड़िंग के अलावा जान जोखिम में ड़ालकर मालगाडियों व कोल ट्रान्सपोर्ट में लगे वाहनों से भारी मात्रा में कोयला चोरी किया जा रहा है जिसकी षिकायत पुलिस को नहीं मिली जिससे कोयला चोरी रोकने के लिए पुलिस कोई कदम उठाने के बजाए हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है, पटना पुलिस के मुताबिक किसी के द्वारा षिकायत करने के बाद ही कोयला चोरी पर अंकुष लगाने के लिए किसी प्रकार का कदम पुलिस द्वारा उठाया जाएगा..