बलरामपुर
बलरामपुर जिले में 15 सदस्यीय हाथियों के उत्पात से ग्रामीणों में दहशत का महौल निर्मित हो गया है। एक ग्रामीण को बीते दिवस उत्पाती हाथियोें के द्वारा कुचलकर मार डाला गया था । यहीं नहीं काफी दिनों से क्षेत्र में डटे हाथियों ने कई ग्रामीणों का घर भी ढहा डाला है। जिसकी वजह से जंगलों के आस पास घर बनाकर रहने वाले ग्रामीण अब उन घरों को छोड़ नये ठौर -ठिकानों की तलाश में लगे हुए है। बताया जा रहा है कि हाथियोे का दल अब भी बसाहट के आस पास के जंगलो में ही डटा हुआ है। हालात यह है कि बीते दिवस जिला मुख्यालय से लगे ग्राम डूमरखी फाॅरेस्ट नाका के पास हाथियों के दल के पहुंच जाने से एनएच 543 को वन अमले ने जाम कर दिया था। हाथियों के सड़क पर लगभग 50 फीट दूर डटे रहने से सड़क के दोनो ओर वाहनो की कतार लग गई थी । लगभग दो घंटे बाद हाथी ग्राम डूमरखी के जंगल की ओर चले गए तब जाकर लोगो ने राहत की सांस ली और यातायात बहाल हुआ। 15 सदस्यीय हाथियों का दल ग्राम चन्दरपुर की ओर से होते हुए शुक्रवार की सुबह लगभग 8 बजे एनएच 343 पर फाॅरेस्ट नाका के नजदीक आ पहुचंे । इससे उस दौरान वहां से गुजर रहें वाहन चालक दहशत में आ गए है। सूचना पर वन अमला मौके पर पहुंचा । वन अमले ने हाथियों के सड़क किनारे डटे रहने की वजह से वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी। इससे सड़क के दोनो ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई । इस दौरान लोगो को काफी परेशानियो का सामना करना पड़ा । हाथी उत्पात न मचाएं इसके लेकर भी लोग काफी भयभीत नजर आये । डीएफओ सीएस तिवारी ने भी मौके पर पहुंचकर वन अमले को आवश्यक निर्देश दिया । पुलिस भी मौके पर पहुंची और आवागमन को शुरू कराने के लिए मशक्कत करने लगी ।छोटे वाहनोे को डायवर्ट मार्ग महेशपुर होते हुए निकाला गया । लगभग दो घंटे बाद हाथियों का दल सड़क को पार कर ग्राम डूमरखी जंगल की ओर गया तब जाकर एनएच पर यातायात बहाल हो सका ।
उत्पाती हाथियों कें उत्पात से दहशत में ग्रामीण
बीते पखवाडे भर से 15 सदस्यीय हाथियों का दल क्षेत्र में उत्पात मचा रहा है। हाथियों ने अब तक एक ग्रामीण और दो मवेशियों की जान ले ली है। साथ ही 12 घरों को ढहाने के साथ ही फसलो को भी जमकर नुकसान पहंुचाया है। इससे ग्रामीण काफी दहशत में है। ग्रामीण हाथियों को गांव से बाहर निकालने की मांग कर रहे है। वहीं भयवश घनी आबादी की ओर अपना ठिकाना खोजने ग्रामीण मशक्कत कर रहे है।