ग्राम पंचायतों के काम एवं ग्रामीण इलाकों में डाक व्यवस्था ठप्प
अम्बिकापुर (उदयपुर)
ब्लाॅक मुख्यालयों में विगत कुछ दिनों से हड़तालों का दौर जारी है लगातार हड़ताल-हड़ताल से आम आदमी त्रस्त होते जा रहा है । हड़ताल की वजह से लोगों को ना तो मजदूरी का भुगतान हो पा रहा है और ना ही निर्माण कार्य में उपयोग किये सामग्रियों का भुगतान। हर कोई हड़ताल से परेषान है दूसरे मार्च का महीना वह भी अंतिम चरण में है । छ.ग. मनरेगा अधिकारी कर्मचारी महासंघ के प्रान्तीय आह्वान पर जनपद पंचायत उदयपुर के मनरेगा शाखा में पदस्थ पीओ, हड़ताल में सहायक प्रोग्रामर, तकनीकी सहायक, रोजगार सहायक, लेखापाल, सहायक ग्रेड 03 एवं समस्त मनरेगा स्टाॅफ सभी लोग सोमवार से अनिश्चितकालीन काम बंद कलम बंद हड़ताल पर बैठ गये है। छ.ग. मनरेगा अधिकारी कर्मचारी महासंघ की प्रमुख मांग प्रशासनिक मद में छः प्रतिशत राशि की व्यवस्था खत्म कर वेतन मद का प्रावधान करते हुये नियमित करना। स्थायी कर्मचारियों की तरह स्वास्थ्य बीमा, दुर्घटना मुआवजा, डी.ए., एच.आर.ए., ई.पी.एफ. तथा अनुकंपा के आधार पर नौकरी की सुविधा प्रदान करना, मनरेगा कर्मचारियों को उनके समकक्ष स्थायी पदों पर सीधा समायोजन करना पूर्व में स्वीकृत पदों में परिर्वतन न करते हुये यथावत् रखना है। पूर्व में भी दिनांक 27.02.2015 को एक दिवसीय सांकेतिक कलम बंद हड़ताल किया गया था । जिस पर कोई सकारात्मक पहल नही होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया है।
इसी तरह ब्लाॅक मुख्यालय के सामने पंचायत सचिवों की हड़ताल लगातार जारी है । प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर आयोजित काम बंद, कलम बंद , ताला बंद हड़ताल में ब्लाॅक ईकाई के सभी सचिव शामिल है। पंचायत सचिवों के हड़ताल में रहने से ग्राम पंचायतों में सभी प्रकार के कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे है। पंचायत चुनाव समाप्ति के बाद नये सरपंच क्षेत्र का भ्रमण कर ग्रामीणों की समस्याओं को सुन तो रहे परंतु सचिवों के हड़ताल की वजह से कुछ कर नही पा रहे है। पंचायत सचिवों के हड़ताल में जाने से पंचायतों के ज्यादातर कार्य पहले से ही बाधित है। सचिवों के हड़ताल में रहने पर ग्राम पंचायत के आवश्यक कार्याें का जिम्मा रोजगार सहायकों को सौंपा गया था। ग्राम पंचायतों में वर्तमान में शौचालय निर्माण, इंदिरा आवास पूर्ण कराकर फोटो अद्यतन आदि का कार्य मनरेगा में पदस्थ कर्मचारियों से कराया जा रहा था अब वह सभी कार्य भी पूर्णतः ठप्प हो जायेंगे। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सरगुजा द्वारा 16 मार्च को पत्र देकर सचिवों को हड़ताल से वापस आने एवं सभी सचिवों एक सप्ताह के भीतर कार्य पर उपस्थित होने हेतु कारण बताओं नोटिस जारी कर जिला कार्यालय को सूचना देने को कहा गया है। इस पत्र का भी कोई असर पंचायत सचिवों पर दिखाई नही दे रहा है सभी अपनी मांगों के समर्थन में हड़ताल पर डटे हुये है।
दूसरी तरफ अखिल भारतीय ग्रामीण डाक सेवक संघ के आह्वान पर विगत 10 मार्च से डाक सेवक अपनी मांगों के समर्थन में पोस्टआॅफिस उदयपुर के सामने बैठे हुये है। ग्रामीण डाक सेवकों की प्रमुख मांग विभागीय कर्मचारी का दर्जा, वेतन आयोग के लिए न्यायाधीश की अध्यक्षता में कमेटी का गठन, डाक विभाग को निगम एवं निजीकरण बनाने से रोकथाम प्रमुख है। डाक सेवकों के हड़ताल में चले जाने से डाक व्यवस्था चरमरा गई है । डाकघर उदयपुर में पार्सल, चिट्ठी, प्रवेश पत्रों का अम्बार लगा हुआ है। ग्रामीणों इलाकों के डाक बंट नही पा रहे है । जिससे कई महत्वपूर्ण प्रवेश पत्र, अंर्तदेशी और अन्य हितग्राहियों को नही मिलने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं।