स्वास्थ्य के मापदण्डों को विश्वस्तरीय बनाने की जरूरत : श्री दत्त


बेहतर व्यक्ति के रूप में विद्यार्थियों की पहचान बने : डॉ. रमन सिंह

हियुमन जिनोम प्रोजेक्ट से रक्त की एक बूंद से बीमारियों की जानकारी मिलेगी : डॉ. लेले

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आयुष एवं स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, रायपुर का पहला दीक्षांत समारोह आयोजित
रायपुर, 29 दिसंबर 2013

 

 

छत्तीसगढ़ आयुष एवं स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, रायपुर का पहला दीक्षांत समारोह आज यहां राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री शेखर दत्त की अध्यक्षता, पद्मभूषण एवं देश के ख्याति प्राप्त चिकित्सक डॉ. आर.डी. लेले के मुख्य अतिथ्य तथा मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के अति विशिष्ट आतिथ्य के रूप में आयोजित हुआ। समारोह में देश के पांच ख्याति प्राप्त चिकित्सकों को डी.लिट. की मानद् उपाधि से सम्मानित किया गया, आठ विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान कर सम्मानित किया गया और विभिन्न संकायों के 159 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गई।
राज्यपाल श्री शेखर दत्त ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मानवता की सेवा के लिए तैयार विद्यार्थियों को आज उपाधियां प्रदान की गई हैं। स्वास्थ्य सेवा का क्षेत्र सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र है और चिकित्सा के माध्यम से दूसरों की सेवा करना एक महान कार्य है। उन्होंने कहा हमें अपने देश और प्रदेश में स्वास्थ्य का ऐसा वातारण बनाना है जो स्वास्थ्य के विभिन्न मापदण्डों में विश्व स्तर पर अग्रणी पायदान का हो। एक स्वस्थ देश के निर्माण के लिए हमें मेडिकल एजुकेशन और मेडिकल सिस्टम दोनों ही क्षेत्रों में व्यापक कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश का भविष्य देश के नागरिकों के स्वास्थ्य पर निर्भर है।
3169 2विशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने उपाधि धारण करने वाले विद्यार्थियों को नये जीवन में प्रवेश करने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी और कहा कि जीवन का क्षेत्र आपके लिए परीक्षा की असली घड़ी होगी। उन्होंने कामना की कि आप सभी जीवन में सफल हो और आपकी पहचान एक बेहतर व्यक्ति के रूप में हो और आपके अच्छे कार्यो के लिए आपका सम्मान हो। उन्होंने यह भी कहा कि जैसा नाम और सम्मान डॉ. लेले ने अर्जित किया है वैसे ही मान और सम्मान आपके जीवन में भी आपको प्राप्त हो।

कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. आर.डी. लेले ने अपने संबोधन में कहा कि ओस्मानिया चिकित्सा महाविद्यालय में अध्ययन के दौरान वे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा सम्पादित ’हरिजन’ के नियमित पाठक थे। एक आलेख में उन्होंने चिकित्सकों का आह्वान किया वे देश के 7 लाख गांवों में अपनी सेवाएं दें जहां हमारे देश की अधिकांश जनता निवास करती है। उन्होंने कहा कि स्नातक की उपाधि पूर्ण करने के उपरांत वे अपने 10 साथी चिकित्सकों के साथ वहां के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में लगभग साढ़े चार वर्ष तक अपनी सेवाएं दी। उसके बाद ही वे उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड गये। भारत में इस ग्रामीण दौर से लेकर उन्होंने नयूक्लियर युग तक के चिकित्सा सफर का प्रत्यक्ष अनुभव किया। डॉ. लेले ने बताया कि हेल्थ मेन्टेनेन्स ओर्गेनाइजेशन (एच.एम.ओ.) द्वारा स्वास्थ्य बीमा के लिए प्री-पेड मैनेज्ड अवधारण प्रारंभ की गई है जो स्वास्थ्य सुविधाओं उपलब्ध कराने की दिशा में एक नई पहल है। इस अवधारणा को आगे बढ़ाने में चिकित्सक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। ऐसे माइक्रो फाइनेंस एवं माइक्रो हेल्थ इन्श्योरेन्स गरीब एवं जरूरतमंद परिवारों के स्वास्थ्य के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में इस दिशा में अच्छे कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने ह्यूनोम जिनोम प्रोजेक्ट की जानकारी देते हुए बताया कि आने वाले वर्षो में मनुष्य के एक बूंद रक्त या लार से उसकी समस्त अनुवांशिक जानकारियों एवं बीमारियों (डायबिटीज, हायपरटेंशन, अस्ट्रोस्केलेरोसिस, न्यूरोसाइकाट्रिक, डिसआर्डर, केंसर एवं अन्य दोषों) को चिन्हांकित कर उपचार किया जा सकेगा। उन्होंने विश्वास जाहिर करते हुए कहा कि एलोपेथिक के साथ ही आयुर्वेदिक एवं होम्योपेथिक की विधाओं से जुड़े चिकित्सक एक साथ मिलकर देश के गांवों में बीमारियों के इलाज के लिए कार्य करेंगे।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्री अमर अग्रवाल ने कहा कि हमारे देश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में मानव संसाधनों की कमी है। राज्य बनने के बाद छत्तीसगढ़ में इस दिशा में व्यापक कार्य किये गये हैं। जहां राज्य स्थापना के समय दो मेडिकल कालेज सहित नर्सिंग, आयुर्वेद, नेचरोपैथी, फिजियोथेरेपी आदि की बहुत कम संस्थाएं थी, वहीं अब हमारे राज्य में इस विश्वविद्यालय के अंतर्गत मेडिकल, डेंटल, आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी मेडिसिन, नर्सिंग, फिजियोथेरेपी और नेचरोपैथी आठ संकायों से संबंधित 85 महाविद्यालय है। छत्तीसगढ़ देश का पहला ऐसा राज्य है जहां के हर नागरिकों को मेडिकल इंश्योरेंस की सुविधा दी जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने स्वास्थ्य के क्षेत्रों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. जी.बी गुप्ता ने बताया कि विश्वविद्यालय की स्थापना 16 सितम्बर सन् 2008 में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की प्रयासों से की गई थी। नया रायपुर विकास प्राधिकरण के क्षेत्र में विश्वविद्यालय के कैम्पस निर्माण के लिए तीस एकड़ की भूमि अनुमोदित की गई है। जिसके लिए राज्य शासन से 11 करोड़ की राशि प्राप्त हो गई है। विश्वविद्यालय के अधोसंरचना के लिए प्रशासनिक भवन, जिनोमिक लैब, ईपीडिमियोलॉजी सेंटर, शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र बनाने की योजना है। इसी तरह अतंर्राष्ट्रीय स्तर की बहुउद्देशीय आडिटोरियम के निर्माण, गेस्ट हाऊस सह होस्टल तथा एक अत्याधुनिक पुस्तकालय के निर्माण की भी योजना है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में दीक्षांत शोभा यात्रा के रूप में अतिथिगण समारोह स्थल पहुंचे। राज्यपाल और कुलाधिपति नेे अतिथियों के साथ मॉ सरस्वती के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। कुलपति डॉ. जी.बी. गुप्ता ने उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को अनुशासन दिया और कहा कि ’हमेशा सत्य बोलना’ अपने कर्तव्यों का पालन करना और स्वाध्याय करते रहना, ज्ञान की प्राप्ति करना और उसका प्रसार करना, अपने माता और मातृभूमि को देवी मानना तथा अपने पिता, अध्यापक और अतिथि को देवता मानना।’ इस अवसर पर प्रदेश के कृषि मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल एवं महापौर श्रीमती किरणमयी नायक सहित चिकित्सा शिक्षा के संचालक डॉ. सुबीर मुखर्जी, विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. ए.टी. दाबके सहित बड़ी संख्या में मेडिकल शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में कुलसचिव डॉ. ए.के. भोईटे ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अरविंद नेरल ने किया।