सूरजपुर (बिट्टू सिंह राजपूत) स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 स्वच्छ शहर मे जरही नगर पंचायत भटगांव नगर पंचायत से बहुत पीछे है, जबकी ये दोनों नगर पंचायत एक दूसरे की पड़ोसी है..ना तो दोनों शहरों के माहौल में फर्क है ना ही रहवासियों में लेकिन फिर भी स्वच्छ सर्वेक्षण के सर्वे में दोनों की रैंकिंग में काफी अंतर है.. गौरतलब है कि नगर पंचायत जरही के अधिकारी कर्मचारी जमीनी स्तर पर कार्य करने कि बजाय सोसल साइट्स पर केवल स्वच्छता का संदेश दे कर जरही को स्वच्छ करने मे लगे हुए है, जबकी नगर को स्वच्छ बनाने के लिए किये जाने वाले मूल कार्यो में इनका ध्यान नही है और अब स्वच्छ सर्वेक्षण में यह बात स्पष्ट भी हो चुकी है.. वही जिले मे चार नगर पंचायत व एक नगर पलिका है , बात की जाये जरही नगर पंचायत के पडोसी नगर पंचायत भटगांव की तो इसने प्रदेश भर मे 19वा रैंक लाकर जिले मे पहला स्थान प्राप्त किया है, इससे जरही नगर पंचायत के कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगना लाजमी है , क्योकी अगर वाकई मे जरही नगर पंचायत जमीनी स्तर पर कार्य किया गया होता तो परिणाम दिखता, मगर यहा तो नगर पंचायत अपने कार्य पर खुद पीठ थपथपा कर अपना कर्तव्य को पूरा कर लेती है,
स्वच्छता पर जरही नगर पंचायत कितना कार्य कर रही है, इसका परिणाम भी देखने को मिला है, नगर पंचायत जरही स्वच्छता पर जमीनी स्तर पर कार्य करने के बजाय केवल कागज मे और सोसल साइट्स मे जोर शोर से कार्य कर रही है, अधिकारी कर्मचारी व्हाट्सएप पर ग्रुप बना कर अपने कार्य की खानापूर्ति कर रहे है ,जिसके परिणाम स्वरुप नगर पंचायत जरही प्रदेश मे 66वा रैंक लाकर स्वच्छता का सपना नगर के लोगो को दिखा रहा है,
सफाई के नाम पर , महज खानापूर्ति
जरही मे सफाई कार्य महज दिखावा साबित हो रहा है, नगर पंचायत द्वारा केवल लोगो को स्वच्छता एप्स पर फोटो अपलोड करने कि बात कही जा रही है , मगर सबसे बडा सवाल यह है कि जब सूचना पर सफाई ही नही होती तो एप्स पर फोटो अपलोड करने से क्या फायदा , रहवासी क्षेत्र मे कचरा का अंबार लगा है , नगर पंचायत नगर मे साफ सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति करने मे लगा है, सोसल साइट्स पर जरही मे स्वच्छ होने का श्रेय लेने भी नगर पंचायत के जिमेदार अधिकारी कोई कसर नही छोड रहे है , लेकिन इस वर्ष के स्वच्छ सर्वेक्षण ने यहाँ चल रहे स्वच्छ भारत अभियान की कलई खोल कर रख दी है..