अम्बिकापुर
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर स्कूल बसो मे सीसीटीव्ही कैमरा, जीपीआरएस सिस्टम और स्पीड गवर्नेंस जैसे अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल अनिवार्य हो गया है, जिसको स्कूल बसो मे लगा कर उसको प्रशासन के सामने प्रस्तुत करने का आखिरी दिन था, लेकिन सरगुजा जिले मे 8 दर्जन स्कूली बसो मे केवल 19 बसो ही फिट पाई गई है ।
सरगुजा परिवहन कार्यालय द्वारा आज स्कूली बसो पर बडी कारवाही करते हुए 46 स्कूल बसो का फिटनेस निरस्त कर दिया गया है, वही फिटनेस टेस्ट मे अनुपस्थित 30 स्कूल बसो के पंजीयन निरस्त करने की प्रकिया भी शुरु कर दी गई है, दरअसल सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जिले के स्कूल प्रबंधको को बसो मे सीसीटीव्ही कैमरा ,जीपीआरएस तकनीक और स्पीड गवर्नेंस जैसी तकनीक लगाने का दो बार मौका दिया गया, जिसके बाद सभी बसो के फिटनेस के लिए आज 13 जुलाई तक का समय दिया गया था, लेकिन परिवहन विभाग द्वारा किए गए फिटनेस टेस्ट मे मौजूद 65 बसे मे महज 19 बसे ही फिट पाई है। जिसके बाद जिला परिवहन अधिकारी ने जंहा 46 बसो को अनफिट कर दिया है, वही 30 अनुपस्थित बसो पर कारवाही के संकेत भी दिए है।
जानकारी के मुताबिक फिटनेस टेस्ट मे गायब 30 बसो की हालत जर्जर है, लेकिन इसके बावजूद भी उसमे बच्चो का परिवहन किया जा रहा था, और यही वजह है कि जब आज फिटनेस टेस्ट होना था, तो स्कूल प्रबंधको ने उसे प्रस्तुत नही किया। इधर स्कूल प्रबंधक प्रशासन के इस मुहिम का ना चाहते हुए भी स्वागत तो कर रहे है, लेकिन ये लोग परिवहन विभाग द्वारा दिए एक महीने से भी अधिक समय को नाकाफी बता और समय की मांग कर रहे है।
स्कूली बच्चो की सुरक्षा के लिहाज से सुप्रीम कोर्ट के निर्देशो के पालन करना परिवहन विभाग की भी जिम्मेदारी है,, और स्कूल प्रबंधको की भी। लेकिन आज जिस तरह 30 बसे पूरी कारवाही से नदारद रही है और जो बसे फिटनेस जांच मे आई भी उनमे से 46 बसो का अनफिट होना,, इस बात की ओर संकेत करता है, कि स्कूल प्रबंधक बच्चो के सुरक्षा के प्रति सजग नही है।