अम्बिकापुर
बतौली बिकासखण्ड में संचालित निजी स्कूली जर्जर हो चुकी वाहनों में बच्चों को ठूस ठूस के भरा जा रहा है,परिजनों के कई बार शिकायत के बावजूद स्थिति जस की तस नजर आरही,वही पुलिस के द्वारा नियमों का पालन नही कर रहे स्कूल प्रबन्धन को किसी भी प्रकार की हिदायत या समझाइस नही दी जाती शायद इसी वजह से निजी स्कूलों की मनमानी हमेशा से जारी है। वही बिना टैक्सी परमिट व बिना लाइसेंस धारी व बिना कागजात व नम्बरों की वाहन स्कूलों में लगाई गई है।शिशु मंदिर स्कूल की मैजिक वाहन जिसकी छमता 10 शीट की है उस छोटी से वाहन में लगभग 30 से ऊपर बच्चों को रोजाना लगभग 10 किलोमीटर का सफर तय कर के स्कूल पहुचने में परेसानियों का सामना करना पड़ रहा है।शिशु मंदिर के स्कूली मैजिक वाहन से निकलने वाला काला धुंवा सफर कर रहे स्कूली छात्रों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है वाहन में सफर करने वाले बच्चे आये दिन बीमार पड़ रहे है।यही हाल बिकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के निकट संचालित मॉडन कान्वेंट स्कूल का है यहां की वाहनों की खिड़की दरवाजों पर न तो जाली लगी है न ही आपात स्थिति में आग से निपटने के लिए अग्नि सामन यन्त्र की ब्यवस्था की गई है।वही दूर दराज पहाड़ी क्षेत्रों से आने वाले छात्रों के बैठने के लिये पर्याप्त जगह की ब्यवस्था है। इस वजह से छोटे छोटे माशुम बच्चों को रोजाना खड़े खड़े स्कूल वाहन से लम्बा सफर तय कर स्कूल पहुचना मज़बूरी हो गया है
हर महीने ली जाती है वाहनों के नाम की अलग से फ़ीस
कुछ छात्र के परिजनों ने बताया की हर महीने हम लोगों के द्वारा स्कूलों में वाहन से बच्चे के स्कूल जाने व घर आने का अलग से फ़ीस देते है पर बच्चों को फ़ीस के हिसाब से वाहन में बैठने की सुबिधा नही मितली है कई बार तो बच्चे स्कूल से घर तक आने में वाहन में खड़े खड़े थक जाते है जहां 10 बच्चों के बैठने की छमता है उस वाहन में लगभग 30 से ऊपर बच्चों को भरा जाता है।
बनारसी चौबे…प्राचार्य सरस्वती शिशु मंदिर बतौली
इस मामले में स्कूल के प्राचार्य ने बताया की एक स्कूल वैन खराब हो गई जिस कारण हो सकता है की एक ही वैन में परिवहन होने के कारण एसा हो सकता है लेकिन हमारी गाडी बन रही है जल्द ही समस्सया दूर हो जाएगी।