बिलासपुर कृष्णमोहन कुमार- छतीसगढ़ की सुप्रसिद्ध लोक गायिका सुरुज बाई खांडे का आज तड़के निधन हो गया,सुरुज बाई लम्बे समय से अस्वस्थ चल रही थी, और उनका 69 वर्ष की आयु में निधन हो गया। सुरुज बाई को विलुप्ति के कगार पर रहे लोक गीत भरथरी गायन में महारत हासिल था। सुरुज बाई ने भरथरी गायन में छत्तीसगढ़ राज्य ही नही देश का नाम भी रौशन किया था, उन्होंने सोवियत रूस में भारत महोत्सव में भी शिरकत थी। सुरुज बाई खांडे को अविभाजित मध्यप्रदेश शासन में देवी अहिल्या बाई सम्मान से भी नवाजा गया था। सुरुज बाई अपने अपने अंतिम समय तक भरथरी गायन की बात कहती रही।
आपको बतादें की बिलासपुर के सरकंडा निवासी सुरुज बाई एसईसीएल में कार्यरत थीं लेकिन शारीरिक अस्वस्थता की वजह से उन्होंने काफी पहले ही स्वेच्छिक सेवानिव्रात्ति ले ली थी.. जानकारी यह भी है की विलुप्त लोक कला की अकेली धरोहर सुरुज बाई ने अपने जीवन के अंतिम दिन बड़ी ही तकलीफों में गुजारे..