अम्बिकापुर
कैडेटों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए सैनिक स्कूल अंबिकापुर द्वारा एन सी सी के तत्वावधान में कैडेटों के लिए दरिमा में साहसिक खेल पैरासेलिंग का आयोजन किया गया। पैरासेलिंगए जिसे पैरासेंडिंग के नाम से भी जाना जाता हैए एक मनोरंजक साहसिक गतिविधि है जिसमें एक व्यक्ति को एक वाहनए आमतौर पर जीप के पीछे खींचा जाता है और वह विशेष रूप से डिजाइन किए हुए एक पैराशूट के साथ जुड़ा हुआ होता हैए जिसे पैरासेल कहते हैं। जब यह वाहन आगे बढता है तब पैरासेंडिंग करने वाला हवा में ऊपर उठ जाता है। अगर वाहन पर्याप्त रूप से मजबूत है और हवा अनुकूल हो तो दो या तीन लोग इसके पीछे एक ही समय में पैरासेल कर सकते हैं। पैरासेंडिंग करने वाले का पैराशूट पर कोई नियंत्रण नहीं होता है। कैडेटों की मानसिक क्षमता और सहनशीलता विकसित करने तथा उनमें स्वावलंबन एवं नेतृत्वक्षमता विकसित करने हेतु यह आयोजन महत्वपूर्ण था। इसका एक और उद्देश्य उनमें सुरक्षा के साथ जोखिम उठाने की क्षमता का विकास करना भी था।
स्कूल की पूर्व योजना के अनुसार कक्षा नौ दस ग्यारह तथा बारहवीं के करीब 120 कैडेट गत 15 जनवरी को दरिमा के लिए रवाना हुए। स्कूल के दो एन सी सी स्टाफ हवलदार गौतम रॉय तथा हवलदार सेंथिल कुमार के साथ सभी कैडेटों को बस द्वारा दरिमा पहुंचाने का प्रबंध स्कूल द्वारा किया गया थाए जहां उन्होंने पैरा सेलिंग का आनंद लिया। इस साहसिक गतिविधि का आयोजन ग्रुप मुख्यालय रायपुर द्वारा किया गया था जिसका मुख्य प्रभारी 8 सी जी बटालियन के सूबेदार थापा को बनाया गया था। सैनिक स्कूल अम्बिकापुर के प्राचार्य ग्रुप कैप्टेन तरुण खरे ने कैडेटों की मेंड्रा कला सकुशल वापसी पर उन्हें बधाई दी।