अम्बिकापुर प्रदेश के 11 नंबर की सीतापुर विधानसभा लंबे समय से कांग्रेस का गढ मानी जाती है , सरगुजा जिला के पूर्वी छोर मे स्थित इस विधानसभा मे प्रदेश बनने के बाद हर विधानसभा चुनाव मे कांग्रेस ने अपना परचम लहराया है। खास बात है 2003, 2008 और 2013 तीनो विधानसभा चुनाव मे यहां से एक ही प्रत्याशी ने जीत का परचम लहराया है, ऐसे मे इस बार भी इस सीट पर सत्ताधारी भाजपा के लिए खोने के लिए तो कुछ नही है लेकिन पाने की संभावना भाजपा के प्रत्याशी चयन पर निर्भर करती है। मौजूदा परिस्थिती मे दोनो दलो मे कौन कौन है दावेदार , किसकी संभावना है सबसे ज्यादा पढिए…..
कांग्रेस का समीकरण और दावेदार
सरगुजा जिला की सीतापुर विधासनभा मे पिछले तीन बार से कांग्रेस के विधायक अमरजीत भगत विधायक बन रहे है, मौजूदा विधायक पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के खेमे मे रहते हुए उनके काफी करीबी माने जाते थे, लेकिन जोगी के कांग्रेस छोडने के बाद भगत ने जोगी को छोड दिया, लेकिन कांग्रेस नही छोडी, जिसके बाद कुछ दिन पहले कांग्रेस मे ही जोगे के धुर विरोधी अम्बिकापुर विधायक और विधानसभा मे विपक्ष के नेता टी.एस.सिंह ने उनकी पीठ थपथपा कर ये संदेश दे दिया कि अब अमरजीत भगत उनके साथ है,,,, लेकिन कभी कांग्रेस के अंदर रहकर टी.एस की खिलाफत करने वाले भगत और टीएस सिंहदेव का ये प्रेम देखकर सिंहदेव खेमे के वो लोग काफी नाराज हो गए है , जो जोगी के जमाने मे विधायक अमरजीत द्वारा टी.एस.सिंह की खुलेआम खिलाफत की बात सुन सुन कर भी मजबूरी मे कांग्रेस की राजनीति करते थे,, हालाकि टिकट की बात करे तो तीन बार लगातार विधायक रहने के कारण अमरजीत भगत इस बार भी टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे है, क्योकि बाकी के दावेदार जैसे मुन्ना टोप्पो, सुशील बखला और शेषराम बडा अपनी संभावना तलाशने कांग्रेस छोडकर जोगी कांग्रेस मे शामिल हो गए है, हालाकि दूसरे नंबर के सबसे प्रबल दावेदार अनिल निराला (उरांव) हर बार की तरह इस बार भी इस उम्मीद मे है अगर समीकरण बना तो कांग्रेस उन पर नजरे ईनायत कर सकती है।
भाजपा मे संभावना और समीकरण
2003 मे भाजपा से राजाराम भगत , 2008 मे भाजपा के बडे नेता गणेश राम भगत और उसके बाद 2013 मे एक बार फिर से राजाराम भगत ,, कांग्रेस की तरफ से हैट्रिक बनाने वाले विधायक अमरजीत भगत से हार चुके है, लेकिन इन परिस्थितियो मे भी ऐसा कहना गलत होगा कि सीतापुर विधानसभा मे भाजपा का कोई नेता कांग्रेस को चुनौती नही दे सकता है , क्योंकि क्षेत्र मे चर्चा और समीकरण के मुताबिक प्रोफेसर गोपाल राम भाजपा की ओर से सबसे ज्यादा प्रभावशाली और जिताऊ नेता माने जाते है, और लोग कहते भी है कि अमरजीत भगत के किले मे कोई सेंध कर सकता है तो वो प्रोफेसर गोपाल राम ही है , हांलाकि भाजपा ने उनको पिछले चुनावो मे टिकट क्यो नही दिया,,, ये तो भाजपा की अंदरुनी रणनीति का सवाल है, लेकिन प्रोफेसर गोपाल राम के अलावा पिछले कुछ वर्षो से मौजूदा जिला पंचायत उपाध्यक्ष प्रभात खलखो भी जातिगत समीकरण के कारण टिकट की फेहरिस्त मे टाप पोजीशन मे है,, और इन दिनो वो कुछ इसी अंदाज मे अपना प्रचार प्रसार भी कर रहे है,, हांलाकि इस फेहरिस्त मे अगर और नाम की बात करे तो चर्चा ये भी है कि सीतापुर मे पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी संजय सिंह भी नौकरी से त्यागपत्र देकर सीतापुर विधानसभा से अपना भाग्य आजमाना चाहते है और दो बार चुनाव हार चुके राजाराम भगत फिर से एक कोरी उम्मीद सजाए बैठे है।
वैसे तो पिछले चुनाव मे सरगुजा जिले की तीनो विधानसभा मे कांग्रेस के विधायक है। इनमे से एक सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण विधानसभा सीतापुर विधानसभा को माना जाता है, महत्वपूर्ण इसलिए क्योकि कांग्रेस ने इसे अपना गढ बना लिया है, तो छत्तीसगढ बनने के बाद भाजपा इस विधानसभा मे आज तक जीत के सपने देख रही है, तो देखिए पिछले तीन विधानसभा के नतीजे।
2013 | 11 | Sitapur | (ST) | Amarjeet Bhagat | M | INC | 70217 | Raja Ram Bhagat | M | BJP | 52362 |
2008 | 11 | Sitapur | (ST) | Shri Amarjeet Bhagat | M | INC | 36301 | Ganesh Ram Bhagat | M | BJP | 34579 |
2003 | 10 | Sitapur | (ST) | Shri Amarjeet Bhagat | M | INC | 35369 | Raja Ram Bhagat | M | BJP | 30267 |