सावधान..! GST रिटर्न भरने के बाद भी लग रही है पेनाल्टी..!

छ.ग.कांग्रेस का आरोप.. हडबडी में बिना तैयारी के लागू किया गया जी एस टी 

रायपुर जी एस टी के पोर्टल में गड़बड़ी का दावा छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस ने किया है.. इस सम्बन्ध में बताया गया है की रिटर्न भरने के बाद भी लोगो को पेनाल्टी लग रही है और इसकी शिकायत करने के बाद भी निराकरण नहीं होता बल्की सिर्फ कोरा अस्वासन मिलता है… इस सम्बन्ध में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता, पूर्व विधायक एवं टैक्स एडवोकेट रमेश वल्र्यानी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि जी.एस.टी. की बुनियादी संरचना को स्थापित किए बिना, केंद्र की मोदी सरकार ने इसे जल्दबाजी में एक जुलाई से लागू कर दिया। जी.एस.टी. पोर्टल की अव्यवस्था से पूरे देश के व्यापार-उद्योग जगत के साथ ही टैक्स कंसलटेंट एवं सी.ए. परेशान हैं। 1 जुलाई से अभी तक जी.एस.टी पोर्टल अनेक बार क्रश हो चुका है। अब तो जी.एस.टी. पोर्टल ने नई कलाबाजी दिखानी शुरू कर दी है।

सितंबर माह का जी.एस.टी. टैक्स पटाकर रिटर्न प्रस्तुत करने की अंतिम तारीख 20 अक्टूबर है, लेकिन आज 17 अक्टूबर को सितंबर माह का 3-बी रिटर्न भरने और निर्धारित टैक्स पटाए जाने पर भी पेनाल्टी लग रही है। यह एक हजार रू. से पाॅंच हजार रू. तक लग रही है। जब रिटर्न प्रस्तुत करने की अंतिम तारीख 20 अक्टूबर है, तब नियमानुसार पेनाल्टी 20 अक्टूबर के बाद ही लगाई जा सकती है, लेकिन मोदी सरकार का जी.एस.टी. पोर्टल भी पगला गया है और मनमाने ढंग से पेनाल्टी लगा रहा है। इसकी शिकायत करने पर केवल एक ही रटा-रटाया जवाब मिलता है कि आपकी शिकायत दर्ज कर ली गई है। दर्ज शिकायत का कभी निराकरण नहीं होता।

श्री वल्र्यानी ने आगे कहा कि जुलाई-अगस्त माह में समय पर 3-बी रिटर्न इसलिए प्रस्तुत नहीं हो पाया क्योंकि जी.एस.टी. सिस्टम ही ठीक से काम नहीं कर पा रहा था। केंद्र सरकार अपनी खामियों का ठीकरा, पेनाल्टी लगाकर व्यापारियों के सर फोड़ना चाहती है। सरकार ने घोषणा भी की थी कि जुलाई-अगस्त माह के रिटर्न में हुए विलंब के लिए लेट-फीस नहीं लगाई जाएगी। लेकिन घोषणा के बावजूद लेट-फीस पेनाल्टी आरोपित की जा रही है। इस पेनाल्टी को लेकर समूचे देश के व्यापारियों में तीव्र आक्रोश है। उन्होंने कहा कि जी.एस.टी. कौंसिल को रिटर्न प्रस्तुत करने की समय-सीमा का निर्धारण स्थायी रूप से घोषित करना चाहिए। अभी सितंबर माह के रिटर्न प्रस्तुत करने की अंतिम तारीख 20 अक्टूबर है। ठीक दीवाली सीजन में व्यापारी, व्यापार में ध्यान दे कि जी.एस.टी. रिटर्न भरने वकीलों के दफ्तर में चक्कर लगाए। उन्होंने कह कि जी.एस.टी. संबंधी समस्याओं के निराकरण को लेकर जी.एस.टी. कौंसिल और राज्यों के बीच कोई तालमेल नहीं है। इस कारण राज्यों के वाणिज्यिक कर/ एक्साइज विभाग स्वयं को निःसहाय पाते हैं। कौंसिल राज्यों पर केवल रिटर्न कंपलायंस को लेकर दबाव बनाती है, लेकिन कौंसिल विलंब के कारणों के निदान को लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने कौंसिल से मांग की कि जब तक पोर्टल सही ढंग से काम नहीं करता, तब तक कोई पेनाल्टी आरोपित नहीं की जाए।