सरपंच-सचिव के ऊपर पंचायत की राशि का दुरूपयोग करने का आरोप…
सूरजपुर (पारसनाथ सिंह) भैयाथान जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत सुदामानगर के ग्रामीणों ने आज गांव के निर्माण कार्यों के निरीक्षण के लिए आए एसडीओ व् उसकी टीम को बंधक बना लिया। और इसकी जानकारी मिलते ही मौके पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष गिरीश गुप्ता पहुंचे और स्थिति देखी। तो ग्रामीणों से पता चला की ग्रामवासी सरपंच-सचिव की कार्यप्रणाली एवं मनमानी से तंग हैं। तथा ग्रामीणों बताया की यहाँ उचित मूल्य की दूकान बने यहाँ पांच हो गए हैं लेकिन वहां राशन का वितरण नहीं किया जाता है जैसे की वह शो-पीस के लिए बना है। सौर-ऊर्जा सोलर पम्प जिसको वार्ड में नलकूप के पास लगाना था। उस सोलर पम्प को सरपंच-सचिव अपने घर में लगाकर उपयोग कर रहे हैं। शौचालय भी अपूर्ण है कहीं गड्ढा खुदा है कहीं दीवाल खड़ा है तो कहीं ढक्कन तक नहीं लगा है। ग्राम पंचायत में 50-60 शौचालयों का निर्माण अभी बाकी है। बस नाम मात्र का काम हुआ है। राशन कार्ड लगभग डेढ़ दो सौ परिवारों का नहीं बना है। और सरपंच-सचिव इस विषय पर कभी कोई कदम ही नहीं उठाते हैं। फ़र्ज़ी तरीके से बिना प्रस्ताव के सरपंच सचिव द्वारा पैसा का आहरण कर लिया जाता है और ग्राम सभा को इसकी कोई जानकारी भी नहीं दिया जाता। सरपंच-सचिव द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना में हितग्राहियो से दस हज़ार रूपए ,माँगा जाता है और धमकी दिया जाता है की अगर पैसा नहीं दोगे तो तुम्हारा नाम निरस्त करवा दिया जायेगा। तथा ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम राजकिशोरनगर में आँगनबाड़ी भवन कब से अधूरा पड़ा है। गवटियापारा में दो वर्ष पूर्व नाली निर्माण स्वीकृत हुआ था जो की आज तक पूर्ण नहीं हुआ है और पूरी राशि आहरित कर ली गई है और नेट में जानकारी दे रहा है की कार्य पूरा हो चूका है। राजकिशोरनगर के पतरापारा एवं पटेलपारा में भी 60 शौचालय गड्ढे खोदकर छोड़े हुए हैं वो भी अधूरे पड़े हैं। पिछले दो वर्षो का पंचो का मानदेय सरपंच-सचिव द्वारा आहरण कर गबन कर लिया गया है। और आज तक इसका भुगतान नहीं किया गया है
ग्राम पंचायत के सचिव की जुबानी….
मौके पर मौजूद ग्राम पंचायत के सचिव से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने अपनी गलती स्वीकार की और अपने द्वारा किये गए कारनामे को एक कागज़ में लिखकर निरिक्षण करने आये अधिकारियो एवं जिला पंचायत उपाध्यक्ष को सौंपा जिसमे जिसमे यह उल्लेखित था की निरिक्षण के दौरान जितने भी शौचालय देखे गए कोई भी शौचालय पूर्ण नहीं पाया गया। मेरे द्वारा जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत को शौचालय निर्माण की पूर्ण होने की झूठी जानकारी दी गई है। मेरे कार्यकाल में कभी पंचायत बैठक नहीं हुआ है और न राशि आहरण के पूर्व न बाद में किसी भी प्रकार का प्रस्ताव पंचो की सहमति से नहीं बनाया हूँ। जो स्वयं शौचालय बनाये हैं उनका राशि नहीं दिया हूँ। मैं और सरपंच मनमानी ढंग से घटिया शौचालय निर्माण किये हैं। एवं पंचायत ओडीएफ हो चूका है। पंचायत के आय व्यय का हिसाब नहीं है।