अम्बिकापुर विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट धीरे धीरे शुरु हो गई है, हांलाकि अभी उसमे तेजी नही आई है, लेकिन सरगुजा जिले की तीन विधानसभा मे से एक लुण्ड्रा विधानसभा को लेकर दोनो प्रमुख दलो के साथ जोगी कांग्रेस के दावेदारो ने अपने स्तर पर जोर आजमाईस जरुर शुरु कर दी है, हर दावेदार अपने अपने स्तर पर अपने आला नेताओ के संपर्क मे है, और साम दाम दण्ड भेद लगाकर अपनी टिकट फाईनल करवाने मे भिड चुका है, ऐसे मे आईए जानते है कि अनुसूचित जनजाति के लिए आऱक्षित लुण्ड्रा विधानसभा सीट पर कौन कौन कर रहा है अपना अपना दावा ।
पिछले तीन विधानसभा चुनाव का ब्यौरा
सरगुजा जिला मे तीन विधानसभा सीट है , जिन तीनो सीटो मे विपक्षी दल यानी कांग्रेस के विधायक है, इनमें से एक अहम सीट लुण्ड्रा मे पिछले दो बार से कांग्रेस के प्रत्याशी ने जीत का परचम लहराया है, ऐसे मे वर्तमान परिस्थितियो मे नजर डाले तो प्रदेश के सत्ताधारी दल भाजपा के पास यहां खोने के लिए कुछ नही है पाने के लिए उन्हे यहां से काफी सशक्त उम्मीदार को मैदान मे उतारना पडेगा, तो वही कांग्रेस अपनी रणनीति के कारण यहां पिछले दो बार से जीत दर्ज करते आ रही है,, हांलाकि इन दोनो बार कांग्रेस ने यहां से अपना प्रत्याशी बदल कर ही चुनाव जीते है 2008 के चुनाव मे यहां से कांग्रेस के रामदेव राम ने भाजपा के कमलभान सिंह को 8 हजार 1 सौ 74 मत से पटखनी दी , तो वही 2013 के चुनाव मे कांग्रेस विधायक के खराब फरफारमेंस के कारण कांग्रेस ने भाजपा से कांग्रेस मे आए चिंतामणि कंवर को अपना दावेदार बनाया, जिससे विजय का पूरा माहौल बना चुके भाजपा प्रत्याशी विजय प्रताप सिंह को कांग्रेस की रणनीति से मार खाना पडा और उनकी 9 हजार 964 वोटो से हार हो गई ।
भाजपा की संभावना
बदलती परिस्थियो और दोनो प्रमुख दलो की रणनीति मे आए परिवर्तन के साथ जोगी कांग्रेस की इस विधानसभा मे दखल को देखते हुए इस बार चर्चा मे आ रही उम्मीदवारी को प्रत्याशी चयन को आधार नही माना जा सकता है, फिर भी अगर प्रदेश मे सत्ताधारी दल भाजपा की बात करे तो सरगुजा जिला पंचायत अध्यक्ष फुलेश्वरी सिंह पैकरा , अम्बिकापुर के पूर्व महापौर प्रबोध मिंज के अलावा पूर्व विधायक विजय प्रताप सिंह का नाम सबसे ऊपर है, हांलाकि भाजपा की ओर से जो 5-6 लोग अपनी अपनी दावेदारी पेश कर रहे है और क्षेत्र मे अपनी उर्जा भी लगा रहे है उनमे सबसे ऊपर फुलेश्वरी सिंह और प्रबोध मिंज का नाम है, क्योकि इन दोनो का शीर्ष नेतृत्व मे भी अच्छी पकड है, और दोनो पिछले कुछ महीने से विधानसभा की तर्ज पर ही अपने प्रचार प्रसार मे भी लगे है। हांलाकि इनमे प्रबोध मिंज 10 साल अम्बिकापुर के महापौर रहने के बाद इस पंचवर्षीय किसी भी चुने हुए पद पर नही है लेकिन लुण्ड्रा मे इनकी पकड काफी मजबूत मानी जा रही है, जबकि फुलेश्वरी पिछले तीन पंचवर्षीय से जिला पंचायत सदस्य है और इस बार वो जिला पंचायत की अध्यक्ष है और इस नाते उनका चुनावी कैंपियन भी काफी मजबूत माना जा रहा है।
कांग्रेस मे संभावना
उसके साथ ही अगर इस सीट पर दो विधानसभा से कब्जा जमाए बैठे कांग्रेस के उम्मीदवारो की बात करे तो खुद कांग्रेसी नेताओ की आंख की किरकिरी बने मौजूदा विधायक चिंतामणि की दावेदारी के साथ, पूर्व विधायक रामदेव राम के नाम के अलावा किसी अन्य नाम की चर्चा तो फिलहाल नही है, लेकिन जैसा कि कांग्रेस ने पिछली दो बार यहां प्रत्याशी बदल कर चुनाव नतीजे अपने पक्ष मे किए है वैसा प्रयोग इस बार भी देखने को मिल सकता है, दरअसल बलरामपुर जिले से मौजूदा सामरी विधायक डाँ प्रीतम राम को बतौर प्रयोग कांग्रेस लुण्ड्रा प्रत्याशी बना सकती है, चूंकि प्रीतम इस क्षेत्र के लिए फ्रेस और जाने पहचाने नाम है और उनकी विधानसभा मे उनकी स्थिती कुछ ज्यादा बेहतर नही है इस लिहाज से कांग्रेस के आळा नेता इस प्रयोग को भी कर सकते है,,