21वीं सदी में जहां देश और दुनिया चॉद सितारों को छुने के साथ मंगल गृह मे अपना जीवन तलाशने मे सफल रहो रहे हैं । वही छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के पौड़ी उपरोड़ा ब्लाक के रामपुर गांव मे रहने वाले पदुमनाथ महानंद आज भी देवी देवताओ की कहानी को आस्था के धागा मे पिरोना चाह रहे है।
श्री महानंद के मुताबिक वो पिछले कुछ वर्षो से वो देवी की उपासना करता आ रहा हैं । इसी बीच मॉ वैष्णदेवी कई बार उसके सपनो मे आई,, लेकिन वो कभी ध्यान नहीं दिया । लेकिन पिछले नवरात्रि के पंचमी के दिन मॉ वैष्णदेवी उनके सपनो मे आई और पुजारी पदुमनाथ महानंद ने सपने में देखे जगह की खुदाई करने ठानी । जंहा खुदाई के दौरान धरती के भीतर मुर्तिया निकली । जिसे मॉ वैष्णदेवी मान कर पूजा पाठ करने लगा हैं ।
ढ़ाई फीट जमीन की खुदाई करने के बाद जो नजारा देखने को मिला वह चौकाने वाला था । जमीन के नीचे बाघ मे सवार मॉ वैष्णदेवी की सोने जैसी चमचमाती मुर्ति मिली । इसके साथ ही भैरव बाबा के अलावा अन्य मुर्तिया मिली । नवरात्र से लगातार भक्तो का तांता लगा हुआ हैं । वही कुछ लोग ऐसी घटना को मनगढ़त बता रहे हैं । साथ ही जानकारो का कहना हैं कि मुर्तिया प्राचीन नहीं हैं । खुदाई से मिली मूर्तियो को लेकर अब गॉव वाले और पुजारी के बीच देवी पूजा को लेकर विवाद भी होने लगा है।