रायपुर 20 नवंबर 2014
सघन इलाज के बाद स्वस्थ होने पर राहत और संतुष्टि की मुस्कान लिए आज 23 और नसबंदी प्रभावित महिलाएं स्वस्थ होकर छत्तीसगढ़ के जिला मुख्यालय बिलासपुर के दो अस्पतालों से अपने-अपने घरों के लिए रवाना हो गई। इन्हें मिलाकर पिछले तीन दिनों में वहां के अस्पतालों से 58 बीमार महिलाओं को स्वास्थ्य लाभ के बाद छुट्टी दी जा चुकी है। कल 19 नवम्बर को सात और परसों 18 नवम्बर को 28 महिलाओं को छुट्टी दी गई थी।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आज अपोलो अस्पताल से 15 और छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) से 08 महिलाओं को स्वस्थ होने के बाद संभागीय कमिश्नर श्री सोनमणि बोरा तथा जिला कलेक्टर श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने शुभकामनाओं सहित विशेष वाहनों में उनके परिवार वालों के साथ घरों के लिए रवाना किया। महिलाओं को आवश्यक दवाईयों के साथ ही कंबल एवं पानी के बोतल भी प्रशासन की ओर से दिए गए। उन्हें मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की घोषणा के अनुरूप 50-50 हजार रूपये की सहायता राशि के चेक भी प्रदान किए गए। महिलाओं को उनके गांवों और घरों तक पहुंचाने के लिए कर्मचारियों को भी साथ भेजा गया। कमिश्नर और कलेक्टर ने इन महिलाओं एवं उनके परिवार वालों से कहा कि घर पहुंचने के बाद भी कोई दिक्कत होने पर वे तत्काल हमें सूचित करें, ताकि उनके लिए आवश्यक व्यवस्था की जा सके।
अपोलो अस्पताल से आज जिन महिलाओं को छुट्टी दी गई, उनमें मरवाही विकासखण्ड के ग्राम धरहर की श्रीमती गीता, पेण्ड्रा विकासखण्ड के ग्राम देवरीकला की श्रीमती बिरसिया, विकासखण्ड गौरेला के ग्राम केंवची की श्रीमती मालती यादव, नेवरी की श्रीमती सुमित्रा, बस्ती की श्रीमती जमीला, धनौली की श्रीमती मंगली तथा तखतपुर विकासखण्ड के ग्राम खरकेना की श्रीमती रेखा, सकरी की श्रीमती परमेश्वरी एवं श्रीमती लक्ष्मीन, पिंडारी की श्रीमती संगीता यादव, लोखण्डी की श्रीमती रेशमा, मुरू की श्रीमती मधुलता एवं श्रीमती गीता, जोंकी की श्रीमती लक्ष्मीन एवं ग्राम डिगोरा की श्रीमती सोनी शामिल हैं। छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) से आज तखतपुर विकासखण्ड के ग्राम घुटकू की श्रीमती चन्द्रिका और श्रीमती शिवकुमारी, भरनी की श्रीमती संतोषी, चोरभट्ठी की श्रीमती दीपाबाई, लोखण्डी की श्रीमती मंजिता तथा गौरेला विकासखण्ड के ग्राम बरटोला की श्रीमती दयामती एवं गौरेला की श्रीमती सुकवरिया को स्वस्थ होने पर छुट्टी दी गई। ज्ञातव्य है कि बिलासपुर जिले में इस महीने की आठ तारीख को ग्राम संकरी और दस तारीख को गौरेला, पेंड्रा तथा मरवाही में महिलाओं के लिए दूरबीन पद्धति के नसबंदी शिविर लगाए गए थे, जिनमें कई महिलाओं के बीमार होने पर उन्हें जिला प्रशासन द्वारा तत्काल बिलासपुर लाकर बेहतर इलाज के लिए विभिन्न अस्पतालों में दाखिल कराया गया था। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निर्देश पर इन अस्पतालों में उनके इलाज के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रबंध किए गए थे।