बलरामपुर (कृष्णमोहन कुमार) समूचे देश मे छत्तीसगढ़ के सार्वजनिक वितरण प्रणाली की जमकर तारीफ हुई थी,और छत्तीसगढ़ के तर्ज पर ही इस योजना को देश मे लागू किये जाने कवायद चल रही है,तो वही छत्तीसगढ़ के ही बलरामपुर जिले के शंकरगढ़ ब्लाक के जारगीम गाँव मे दर्जन भर से अधिक ग्रामीण परिवारों को बीते तीन वर्षों से इस योजना के तहत राशन नही दिए जाने का मामला सामने आया है, ग्रामीणों ने एकजुट होकर मामले की शिकायत कलेक्टर से कर दी है,वही कलेक्टर ने अब इस पूरे मामले में दो दिनों के अंदर जांच कर कार्यवाही करने आस्वासन दिया है।
बीपीएल सर्वे सूची,में है नाम फिर भी नही मिल रहा तीन साल से राशन
दरसल बलरामपुर जिले के आदिवासी बाहुल्य विकासखण्ड शंकरगढ़ के जारगीम गाँव के दर्जन भर से अधिक परिवारों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत शासन द्वारा सस्ते दर पर राशन सामग्री नही मिल पा रही है,ग्रामीणों का कहना है ,की उन्हें पहले तो उचित मूल्य दुकान से राशन मिलता था,लेकिन बीते तीन वर्षों से उन्हें इस योजना का लाभ नही मिल पा रहा है।
इसके अलावा ग्रामीणों का कहना है कि उनका नाम गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के सूची में है,बावजूद इसके उनका राशन कार्ड किस आधार पर निरस्त किया गया है,इसकी जानकारी भी उन्हें नही मिल पा रही है।
पीडीएड सिस्टम में गड़बड़ी
राज्य सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत एक रुपये किलो में गरीबो को चावल देने की योजना से जमकर वाहवाही बटोरी थी,और यह योजना शुरुआत के कुछ वर्षों तक तो सुचारू रूप से चला ,लेकिन उसके बाद इस योजना में कई बदलाव सरकार ने कर दिए,अपात्र लोगो के राशन कार्ड निरस्त करने की मुहिम से सरकार की जमकर फजीहत हुई,यही नही राशन कार्ड सत्यापन के नामपर भी सरकारी नुमाइंदो ने गरीबो को लूटा,आज उसी का परिणाम है कि ,हकीकत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली योजना का लाभ लेने वाले ये हितग्राही राशन कार्ड निरस्त कर दिए जाने के चलते,बाजार से महंगे दामो पर राशन सामग्री खरीदने पर मजबूर है।
तकनीकी खामी हो सकती है वजह
वही प्रदेश सरकार अब इस पीडीएस सिस्टम में नित नये नये प्रयोग कर रही है,जिससे कि गरीबो के लिए चलाई जा रही इस योजना पर बट्टा ना लग सके,और शायद यह भी हो सकता है ,की सरकार के तकनीकी प्रयोग के चलते भी कई गरीब परिवारों के नाम कट गए हो।
कलेक्टर अवनीश कुमार शरण ने बताया कि इस सम्बंध में उनसे मुखातिब होने ग्रामीणों के प्रतिनिमण्डल से तीन महिलाये उनके पास पहुँची थी,तथा कलेक्टर ने ग्रामीण महिलाओं की समस्या को गम्भीरता से लेते हुए खाद्य विभाग को मामले की जांच करने के आदेश दे दिए है,और इस मामले में दोषी लोगो पर कार्यवाही करने का आस्वासन दिया है।