अम्बिकापुर 07 नवम्बर 2014
- शासकीय सम्पति का उपयोग चुनाव प्रचार में प्रतिबंधित
- सम्पति विरूपण अधिनियम का पालन सुनिष्चित कराने 16 प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती ऋतु सैन ने कहा है कि नगरीय निकाय चुनाव की घोषणा होने के साथ ही चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार-प्रसार हेतु किसी भी शासकीय सम्पति का उपयोग पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है। किसी भी शासकीय सम्पति पर कोई श्लोगन नारा नहीं लिखे जा सकेंगे। साथ ही किसी भी शासकीय सम्पति पर झंडा व बैनर नहीं लगाए जा सकेंगे। निजी सम्पति का भी चुनाव प्रचार-प्रसार हेतु उपयोग सम्पति मालिक की लिखित अनुमति लिए जाने पर किया जा सकता है। सम्पति विरूपण संबंधी निर्वाचन आयोग के निर्देषों का पालन सुनिष्चित कराने के लिए 16 प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। प्राधिकृत अधिकारियों से कहा गया है कि वे प्रतिदिन किए गए कार्यो का दैनिक प्रतिवेदन जिला निर्वाचन कार्यालय में प्रस्तुत करना सुनिष्चित करें।
नगर पालिक निगम अम्बिकापुर के लिए अनुविभागीय दंडाधिकारी अम्बिकापुर, नगर पुलिस अधीक्षक अम्बिकापुर, आयुक्त नगर पालिक निगम अम्बिकापुर, कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग अम्बिकापुर, कार्यपालन यंत्री छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत अम्बिकापुर एवं तहसीलदार तथा कार्यपालिक दंडाधिकारी अम्बिकापुर को प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किया गया है। इसी तरह नगर पंचायत लखनपुर के लिए तहसीलदार एवं कार्यपालिक दंडाधिकारी लखनपुर, मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पंचायत लखनपुर, थाना प्रभारी लखनपुर, उप अभियंता लोक निर्माण विभाग लखनपुर एवं उपयंत्री छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी लखनपुर को प्राधिकृत अधिकारी नियुक्ति किया गया है। इसी प्रकार नगर पंचायत सीतापुर के लिए नगर पंचायत सीतापुर के लिए तहसीलदार एवं कार्यपालिक दंडाधिकारी सीतापुर, मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पंचायत सीतापुर, थाना प्रभारी सीतापुर, उप अभियंता लोक निर्माण् विभाग सीतापुर एवं उपयंत्री छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी सीतापुर को प्राधिकृत अधिकारी नियुक्ति किया गया है।
ज्ञातव्य है कि सम्पति विरूपण निवारण अधिनियम 2000 की धारा 3 के तहत सम्पति के स्वामी की लिखित अनुमति के बिना सार्वजनिक दृष्टि से आने वाली किसी सम्पति को स्याही, खडि़या, रंग या किसी अन्य पदार्थ से लिखकर या चिन्हित करके उसे निरूपित करने वालों के विरूद्ध एक हजार रूपए तक जुर्माना होगा।