सूरजपुर. बीते 14 नवम्बर 2019 को दोपहर करीब 01 बजे ग्राम लटोरी (भण्डारपारा) निवासी 70 वर्षीय उजियारो राजवाड़े को उसके घर के सामने किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा सिर में वारकर चोट पहुँचाया गया था. जिसके बाद परिजनों ने ईलाज के लिए उसे पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लटोरी में भर्ती कराया. जहाँ उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे..उसी दिन लटोरी से मेडिकल कालेज अम्बिकापुर रेफर किया गया था. जहाँ ईलाज दौरान 18 नवम्बर 2019 को उसकी मौत हो गई.
जिस पर नम्बरी पश्चात मर्ग डायरी चौकी लटोरी को जांच के लिए प्राप्त होने पर लटोरी चौकी प्रभारी सुभाष कुजूर के द्वारा मामले की जांच शुरू की गई. मामला प्रथम दृष्टया संदेहास्पद होने पर हालात के बारे में एसपी राजेश कुकरेजा को अवगत कराया गया. जिस पर उन्होंने अपराध पंजीबद्व करते हुए घटना के वास्तविक तथ्यों के बारे में पता लगाते हुए आरोपी की गिरफ्तारी के निर्देश दिए. लटोरी पुलिस ने मामले में अज्ञात व्यक्ति के विरूद्व धारा 302 भादवि के तहत् अपराध पंजीबद्व कर जांच शुरू किया.
पुलिस अधीक्षक सूरजपुर के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में अज्ञात आरोपी की पता तलाश की गई. मामले में अज्ञात आरोपी के संबंध में पतासाजी के लिए मुखबीर तैनात किया गया. जिसके बाद मुखबीर की सूचना पर संदेही ईश्वर राम राजवाड़े पिता मनोहर राजवाडे, उम्र 36 वर्ष, निवासी लटोरी भण्डारपारा को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर उसने घटना दिनांक को लकड़ी के डण्डे से उजियारों को सिर में मारपीट कर गंभीर चोट पहुचाना बताया और अपना जुर्म कुबूल किया.
आरोपी ईश्वर राम राजवाड़े के मेमोरण्डम कथन के मुताबिक मारपीट में प्रयुक्त लकड़ी का डण्डा जप्त किया गया व आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया जहां से उसे जेल भेज दिया गया.
आरोपी ईश्वर राम राजवाड़े मृतिका उजियारो का भतीजा लगता है. मृतिका अपने मायके में ही आरोपी ईश्वर के पिता मनोहर के घर में रहती थी. जो शराब पीकर अक्सर आरोपी को मेरे जमीन से हट जाओ, मुझे जमीन का बटवारा दो, सब हड़प लिये हो कहकर गाली गलौज करते रहती थी. इसी बात को लेकर आरोपी मृतिका से रंजीश बनाकर रखा था. घटना दिनांक को भी मृतिका आरोपी को गाली गलौज कर रही थी. जिस पर आरोपी के द्वारा मृतिका की हत्या करने की नियत से सिर में प्राण घातक चोट पहुचाया जिससे मृतिका की मृत्यु हुई है.
इस कार्यवाही में चौकी प्रभारी लटोरी सुभाष कुजूर, एएसआई के.डी. बनर्जी, प्रधान आरक्षक विशाल मिश्रा, संजय सिंह यादव, आरक्षक विकास मिश्रा, देवनंदन राजवाड़े, प्रभाकर सिंह, प्रेम सिंह, भूपेन्द्र सिंह व चन्दर साय राजवाडे सक्रिय रहे.