विवेकानंद सरोवर (बूढ़ा तालाब) शहर के बीचो-बीच स्थित है। इसके साथ कई महापुरुषों की स्मृतियां जुड़ी हुई हैं। यह राजधानी का एक ऐसा पर्यटन स्थल है जिसका अपना ऐतिहासिक महत्तव है। तालाब को 600 वर्ष पहले कल्चुरी वंश के राजाओं द्वारा खुदवाया गया था। इतिहासकारों के मुताबिक यह पहले150 एकड़ में था जो अब मात्र लगभग 60 एकड़ में ही सीमित हो गया है। तालाब के पास स्थानीय महापुरुषों के अलावा स्वामी विवेकानंद ने भी अपने जीवन के कुछ वर्ष व्यतीत किया है। इसकी एक विशेषता यह भी है कि 14 वर्ष की आयु में स्वामी विवेकानंद जब रायपुर आये थे तो वे इस तालाब में तैरकर कर बीच टापू तक जाते थे, इस कारण से वहां अभी विवेकानंद की विशाल प्रतिमा स्थापित है