अम्बिकापुर
विकासखण्ड उदयपुर अंतर्गत पुरातात्विक एवं दर्षनीय स्थल महेषपुर के प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय परिसर में वन महोत्सव का वृहद कार्यक्रम आयोजित किया गया । इस कार्यक्रम में विद्यालयों के षिक्षक, षिक्षिकायें, बच्चों, वन विभाग एवं षिक्षा विभाग के अधिकारी कर्मचारी सहित जन प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों के द्वारा वृक्षारोपण कर किया गया। परिसर के भीतर में सभी तरफ उपस्थित लोगों ने वृक्षारोपण किया। रोपे गये वृक्षों में आम, कटहल, नीम, खम्हार, जामुन, सागौन सहित विभिन्न प्रजातियों के पौधे शामिल थे ।
वृक्षारोपण के बाद सभा का आयोजन किया गया जिसे उपस्थित लोगों ने संबोधित किया । सहायक विकास खण्ड षिक्षा अधिकारी सुखराम यादव ने अपने उद्बोधन में कहा कि जन्म से लेकर अंतिम संस्कार तक लकड़ी की जरूरत होती है। सांस लेने के लिए भी हमें पेड़ पौधों पर ही निर्भर रहना पड़ता है। प्रधानपाठक सीएल दुबे ने लगाये हुये पौधे की संरक्षण की प्रतिज्ञा लेते हुये कहा कि एक एक पौधे की समुचित देखभाल की जायेगी। उन्होने उपस्थित जन प्रतिनिधियों से सोलर पंप एवं परिसर के समतलीकरण की भी मांग की। संकुल समन्वयक भरत सिंह ने वन महोत्सव के आयोजन के लिए स्कूल के चयन हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया। वन परिक्षेत्राधिकारी एस.बी.पाण्डेय ने कहा कि वनों का संर्वधन एवं संरक्षण वन विभाग की जिम्मेदारी है परंतु जन सहयोग के बिना यह कार्य असंभव है। उन्होने बताया कि ब्लाॅक में 70 स्कूलों का चयन पौधरोपण के लिए हुआ जिनमें से 20 स्कूलों को प्रथम चरण में चयन कर एक छात्र एक पौधा के हिसाब से वृक्षारोपण किया जायेगा। परिक्षेत्र में कुल तीन लाख इक्तालीस हजार पौधे रोपे जाने का लक्ष्य है जिसमें से अभी तक तीन लाख पौधे लगाये जा चुके है। जनपद अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि वनों से ही वर्षा होती है और जीवन का उद्धार भी वनों से ही होता है । क्रेड़ा के माध्यम से परिसर में सोलर पंप की व्यवस्था की जायेगी एवं जनपद के माध्यम से समतलीकरण का कार्य भी कराने का आष्वासन दिया है। विधायक प्रतिनिधि द्वारा कहा गया कि प्रकृति द्वारा प्रदत्त वन संपदा के संरक्षण की जरूरत है क्योंकि पौधा लगाना आसान है परंतु उसे बड़ा करना कठिन काम है। कक्षा छठवीं के छात्र विनोद कुमार ने भी पेड़ पौधों की रक्षा करने का संकल्प लिया। उप सरपंच शुभ्रा सिंह ने कहा कि पंचायत के हर घर में कम से कम एक पौधा लगाने हेतु सभी से सहयोग की अपील है। बीआरसी बलबीर गिरी ने वनों के घनत्व में कमी होने से पर्यावरण में असुंतलन पर अपने विचार व्यक्त किये । मुख्य कार्यपालन अधिकारी नान साय मिंज ने भी अपने उद्गार व्यक्त किये । मंच का संचालन सुरित राजवाड़े एवं डी.एन. यादव एवं आभार प्रदर्षन एसडीओ वन लहरे ने किया।