रेल कारीडोर एवं कोल परियोजना के विरोध में ग्राम सभा का प्रस्ताव पास

ग्राम पंचायत साल्ही एवं घाटबर्रा के ग्रामीणों ने किया विरोध

अम्बिकापुर

(उदयपुर से क्रांति रावत)

सरगुजा जिले के आदिवासी बाहुल्य जनपद पंचायत उदयपुर अंतर्गत रेल कारीडोर एवं कोल परियोजना के विरोध में ग्राम सभा का प्रस्ताव पारित हुआ है। दो अलग-अलग पंचायतों साल्ही और घाटबर्रा में गुरूवार को ग्राम सभा का आयोजन किया गया। साल्ही के ग्राम सभा में तहसीलदार उदयपुर राजस्व अमले के साथ उपस्थित रहे। साल्ही में रेल कारीडोर हेतु भूमि अधिग्रहण किया जाना है। ग्राम सभा में प्रभावित किसानों की सूची पढ़कर सुनायी गयी। उपस्थित सभी किसानों ने एक सुर में रेल कारीडोर के लिए जमीन नही दिये जाने का फैसला किया। सैकड़ों की संख्या में उपस्थित ग्रामीणों ने राजस्व अमले के समक्ष अपनी बात रखते हुये कहा कि हम अपनी जमीन किसी भी कीमत पर रेल कारीडोर के लिए नहीं देंगे। हमारी आजिविका का साधन है हमारी ये जमीन, हमारी मातृभूमि जिस पर हम पीढि़यों से निवासरत् है एवं खेती बाड़ी कर अपना जीवन यापन करते हैं।
इसी तरह गुरूवार को ही ग्राम घाटबर्रा में भी ग्राम सभा का आयोजन किया गया। ग्राम सभा तहसील उदयपुर द्वारा जारी पत्र को पढ़कर सुनाया गया जिसमें विभिन्न शासकीय मद की जमीन को परसा ईस्ट एवं केते बासेन कोल परियोजना हेतु राजस्थान राज्य निगम लिमिटेड को आवंटित करने के संबंध में ग्रामसभा का प्रस्ताव माँगा गया था। इस प्रस्ताव पर गुरूवार को आयोजित ग्राम सभा में विस्तृत विचार विमर्श कर यह निर्णय लिया गया कि ग्राम घाटबर्रा की विभिन्न मदों की जमीन जैसे पानी के नीचे, सड़क व रास्ता, मरघट, गौठान, आबादी भूमि को कोयला परियोजना को नही देंगे। ग्रामसभा सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित कर हमारे गाँव की निस्तार, गौठान आदि जमीन का आवंटन करने का विरोध करती है। मांगी गई भूमि गांव के निस्तार और सार्वजानिक प्रयोजनों के मद की है जिस पर हमारा निस्तार है और हम इसका पीढि़यों से संरक्षण भी करते आ रहे है जिस पर हमारे गावों की ग्रामसभा ने वन अधिकार कानून की धारा 3 (1) ख ग घ ड झ के तहत सामुदायिक अधिकार और 3 (1)झ के तहत सामुदायिक वन संसाधन का दावा भी किया है। पेसा कानून 1996 और वन अधिकार कानून की धारा 5 के तहत ग्रामसभा ये संकल्प पारित करती है की गांव के किसी भी मद की जमीन को कोयला परियोजना के लिए देने का ग्रामसभा ने विरोध किया।