मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य प्रशासन ने उठाए सख्त कदम
मुख्य सचिव ने जिला कलेक्टरों को लिखी चिट्ठी
सभी कलेक्टर रेत सप्लायरों और परिवहनकर्ताओं की बैठक लेकर तय करेंगे कीमत
रेत खदान संचालन में लापरवाही बरतने पर पंचायतों और
नगरीय निकायों से खदान वापस लेकर जनपद और जिला पंचायतों को दी जाएंगी
रायपुर, 03 जनवरी 2014
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निर्देश पर मुख्य सचिव श्री सुनिल कुमार ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को आज यहां नया रायपुर स्थित मंत्रालय (महानदी भवन) से चिट्ठी भेजकर रेत की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए तत्परता से कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने परसों 31 दिसम्बर को नये वर्ष की पूर्व संध्या पर मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर उन्हें इस विषय में राज्य के सभी जिलों में आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए कहा था।
मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों के अनुरूप मुख्य सचिव श्री सुनिल कुमार ने जिला कलेक्टरों को आज भेजी गयी चिट्ठी में लिखा है कि रेत खदानों में अवैध राशि वसूली की शिकायत मिलने पर पुलिस में प्रकरण दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए। हर जिले में कलेक्टर अपने स्तर पर रेत के सप्लायरों और परिवहनकर्ताओं की बैठक आयोजित कर प्रति ट्रक रेत का समुचित मूल्य भी निर्धारित करें। श्री सुनिल कुमार ने पत्र में लिखा है कि राज्य सरकार ने रेत की खदानों की नीलामी प्रणाली को समाप्त कर उनके संचालन का दायित्व पंचायतों और नगरीय निकायों को इस उद्देश्य से सौंपा था कि आम जनता को रेत उचित मूल्य पर मिलेगी, लेकिन विभिन्न माध्यमों से राज्य सरकार के पास यह जानकारी आ रही है कि रेत खदानों में लोडिंग के नाम पर अधिक वसूली की जा रही है और रेत के कुछ व्यापारियों ने भी इसकी कीमतें गैर-अनुपातिक रूप से बढ़ा दी हैं। इसके फलस्वरूप आम जनता को रेत बहुत महंगी दरों पर मिल रही है। मुख्य सचिव ने लिखा है कि रेत की कीमतों में हुई बेतहाशा वृद्धि से शासन चिन्तित है और उन पर नियंत्रण के लिए कठोर कदम उठाने की मंशा रखता है।
श्री सुनिल कुमार ने शासन की मंशा के अनुरूप जिला कलेक्टरों को छह प्रमुख बिन्दुओं में इसके लिए तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने लिखा है:-(1)- रेत की उपलब्धता सुगम बनाने के लिए हर जिले में रेत की घोषित अथवा अधिसूचित सभी खदानों के पर्यावरण क्लीयरेंस के लिए आवेदन एक सप्ताह के भीतर छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मण्डल में प्रस्तुत कर दिए जाएं।(2)- पंचायतों और नगरीय निकायों द्वारा संचालित रेत खदानों का लगातार निरीक्षण कर यह सुनिश्चित किया जाए कि वहां लोडिंग के नाम पर गैर-अनुपातिक रूप से राशि की वसूली न हो। (3)- रेत खदानों में कतिपय लोगों द्वारा अवैध राशि वसूली की शिकायतें भी सामने आती हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस में प्रकरण दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए। पुलिस द्वारा समुचित और समय पर कार्रवाई जिला कलेक्टर के साथ-साथ पुलिस अधीक्षक की भी जिम्मेदारी होगी। (4)- जिले में रेत के सप्लायर्स और परिवहनकर्ताओं की बैठक लेकर रेत का प्रति ट्रक समुचित मूल्य निर्धारित किया जाए। (5)- यदि किसी पंचायत अथवा नगरीय निकाय द्वारा रेत खदानों के संचालन में उदासीनता अथवा लापरवाही की जाती है या निर्देशों के पालन में कोताही बरती जाती है तो उनसे रेत की खदान वापस लेकर जनपद पंचायत/जिला पंचायत को सौंपी जाए ताकि रेत खदानों का सुचारू संचालन किया जा सके। (6)- सभी कलेक्टर अपने-अपने जिले में रेत की नयी खदानों के लिए सर्वेक्षण करवाएं और नयी रेत खदाने अधिसूचित करें तथा उनके लिए पर्यावरण क्लीयरेंस की प्राप्त करने की कार्रवाई एक महीने में पूर्ण कराएं, ताकि रेत की आपूर्ति में वृद्धि हो और अवैध उत्खनन पर अंकुश लग सके। मुख्य सचिव ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे उन्हें इन बिन्दुओं पर की गयी कार्रवाई के बारे में अर्ध शासकीय पत्र के जरिए इस महीने की 31 तारीख तक जानकारी भेजें।