भारतीय जैन संगठन का राज्य स्तरीय अधिवेशन
रायपुर, 22 दिसंबर 2013
राज्यपाल श्री शेखर दत्त आज यहां रायपुर के महात्मा गांधी मार्ग स्थित श्री जिनकुशलसूरी जैन भवन दादाबाड़ी में भारतीय जैन संगठना के राज्य स्तरीय अधिवेशन में शामिल हुए। कार्यक्रम में अपने उद्गार व्यक्त करते हुए राज्यपाल श्री दत्त ने कहा कि लगभग 25 हजार वर्ष पहले जैन समाज ने भगवान महावीर के सिद्धांतों एवं आदर्शो को अपनाया था जो आज तक कायम है। जैन समाज ने ’सादा जीवन, उच्च विचार’ की जीवनशैली को अपनाया है और आज भी यह परम्परा कायम है। देश के निर्माण में जैन समाज ने बहुत योगदान दिया है और इस समाज के लोग अभी भी इस दिशा में निरंतर कार्य कर रहे हैं। भारतीय जैन संगठना समाज सेवा के विभिन्न क्षेत्रों में बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं और इसे आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धतापूर्वक कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी श्रृंखला की मजबूती का आकलन उसकी सबसे कमजोर कड़ी से की जाती है। इसलिए यह जरूरी है कि हमारे देश में श्रृंखला की कोई भी कड़ी कमजोर न रहे। समाज के ऐसे लोग जो मजबूती हासिल कर चुके हैं वे दूसरो के मदद के लिए आगे आये।
श्री दत्त ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य एवं कौशल विकास आदि ऐसे क्षेत्र हैं जिन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। प्रतियोगिता के इस दौर के अनुरूप हमें अपने युवाओं को सक्षम बनाना होगा और उनके कौशल का विकास करना होगा। उन्होंने कहा कि हमें यह भी देखने की जरूरत है कि हमारे आस-पास के शहरों एवं कस्बों में उपयोग में लायी जाने वाली वस्तुओं का उत्पादन स्थानीय स्तर पर होना चाहिए, जिससे हमारे युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त होंगे तथा उन्हें वस्तुओं के परिवहन पर होने वाले व्यय के बचत से मुनाफा प्राप्त होगा। श्री दत्त ने जैन समुदाय के नागरिकों को उनके समाज सेवी कार्यो के लिए शुभकामनाएं दी तथा सभी के सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की। लोक निर्माण मंत्री श्री राजेश मूणत ने इस अवसर पर कहा कि अंहिसा का विचार लेकर भारतीय जैन संगठना आगे बढ़ा है और देश के कोने-कोने में संगठना द्वारा सेवाएं दी जा रही हैै। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ भरपूर संभावनाओं से परिपूर्ण राज्य है और यहां शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य करने की गुंजाईश है। यहां स्वास्थ्य के क्षेत्र में दूरस्थ अंचलों में शासन के सहयोग से स्वंय सेवी संस्थाएं कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि संगठना को सामाजिक कार्यो में आगे बढ़ कर हिस्सा लेने की जरूरत है। उन्होंने संगठना के पदाधिकारियों से आग्रह करते हुए कहा कि कई सुविधाएं जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पाती। हमें कुछ विशिष्ट क्षेत्रों में कार्य करते हुए अपनी विशेष पहचान बनानी होगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी आग्रह किया कि प्रतिवर्ष जैन समाज के सामूहिक विवाह का आयोजन भी होना चाहिए। उन्होंने समाज के जनकल्याणकारी कार्यो में हरसंभव सहयोग देने की बात कही। भारतीय जैन संगठना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शांतिलाल मुथा ने कहा कि 28 वर्ष पहले इस संगठना की स्थापना की गई थी और देश के कई राज्यों में संगठना द्वारा सेवाएं दी जा रही हैं। इस संगठना के द्वारा दिये जा रहे समाज सेवी कार्यो के माध्यम से देश के लिए जैन समाज का बड़ा योगदान है। उन्होंने बताया कि संगठना द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में विशेष कार्य किये जा रहे हैं वहीं देश के विभिन्न राज्यों में आए प्राकृतिक विपदाओं के दौरान राहत कार्य में भी उल्लेखनीय कार्य किया गया है।
स्वागत उद्बोधन भारतीय जैन संगठना के छत्तीसगढ़ शाखा के अध्यक्ष श्री एम.सी. जैन ने दिया। कार्यक्रम के प्रारंभ में राज्यपाल ने भगवान महावीर के छायाचित्र पर माल्यार्पण किया। कार्यक्रम का शुभारंभ पंच परम इष्टदेव की अराधना ’मंगलाचरण’ से की गई। कार्यक्रम के दौरान भारतीय जैन संगठना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शांतिलाल मुथा ने लोक निर्माण मंत्री श्री राजेश मूणत, विधायक सर्वश्री विमल चोपड़ा, लाभचंद बाफना एवं संतोष बाफना को उनके जनकल्याणकारी कार्यो को बढ़ावा देने के लिए शाल एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष श्री दिलीप सिंह होरा, भारतीय जैन संगठना के ट्रस्टी श्री जी.सी. जैन, राष्ट्रीय महासचिव श्री प्रफुल्ल पारख, भारतीय जैन संगठना के छत्तीसगढ़ महिला प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती शोभा जैन सहित बड़ी संख्या में जैन समाज के नागरिकगण उपस्थित थे