अम्बिकापुर (देश दीपक गुप्ता)
राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के सरगुजा इकाई द्वारा स्व. राजीव गांधी के सपनों के अनुरूप सत्ता के विकेन्द्रीकरण एवं सशक्तिकरण को लेकर सरगुजा जिले के नगरीय निकाय के जनप्रतिनिधियों का विमर्श संवाद कार्यक्रम स्थानीय राजमोहिनी देवी भवन में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में सरगुजा जिले के अम्बिकापुर नगर निगम, लखनपुर नगर पंचायत सहित सीतापुर नगर पंचायत के पूर्व पार्षद, नगर पंचायत अध्यक्ष सहित वर्तमान पार्षद, नगर पंचायत अध्यक्ष सहित नगरीय निकाय के जनप्रतिनिधि काफी संख्या में कार्यक्रम में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी जी के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला कांग्रेस अध्यक्ष अजय अग्रवाल ने किया तथा कार्यक्रम में राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के प्रदेश प्रभारी राजकुमार किराड़ु एवं प्रदेश समन्वयक निलम चन्द्राकर विशेष रूप से उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में विभिन्न जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने सुझाव रखे, संवाद कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जिलाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने कहा कि देश की आज़ादी के बाद प्रथम सरकार के पास साम्यवाद, पूंजीवाद तथा लोकतंत्र तीन तरिके से देश को चलाने के सुझाव आये थे, किन्तु पं. जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में सरकार ने देश में लोकतंत्र की स्थापना का संकल्प लिया। किन्तु इन्हीं मेें से पंूजीवादी व्यवस्था को लागू करने की मांग करने वाले लोगों ने नाराज़ होकर नई पार्टी भारतीय जनसंघ की स्थापना की जो आगे चल कर जनता पार्टी, भारतीय जनता पार्टी जैसे नाम से जानी गई, जो हमेशा से पूंजीवाद को बढ़ावा देते रहे हैं और देश को पूंजिपतियों के इशारे पर चलाया है।
चूंकि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की सोच थी कि देश का विकास तभी संभव है जब गांवों का विकास हो और गांवों को अपने फैसले लेने का अधिकार हो, पंच परमेश्वर की भूमिका गांवों में फलिभूत हो, इसी क्रम में कांग्रेस की सरकार ने लगातार लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत् गांवों की ओर ध्यान दिया तथा उन्हें उनके अधिकार देने की दिशा में कार्य किया। इस क्रम में जब राजीव गांधी जी देश के प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने पंचायतों को संवैधानिक दर्जा देते हुए काफी अधिकार दिये, उनका मानना था कि सत्ता का विकेन्द्रीकरण आवश्यक है, गांव के फैसले गांव में ही होने चाहिए, वहां के फैसले लेने का अधिकार कार्यालयों में बैठे कर्मचारी और सांसद, विधायक नहीं कर सकते। उनके प्रयास का प्रतिफल है कि आज पंचायतों के पास कई अधिकार हैं, किन्तु जिन राज्यों में भाजपा की सरकार है वहां उन्होंने पंचायतों, जनपदों, जिला पंचायत एवं नगरीय निकायों में जनप्रतिनिधियों के अधिकार छिन कर नौकरशाहों को सारे अधिकार दे दिये हैं। यहीं कारण है कि जनप्रतिनिधियों और आमजनों को जागरूक करने की दृष्टि से राजीव गांधी पंचायती राज संगठन गांव व नगर के वार्डों में घुम-घुम कर लोगों को जागरूक कर रही है और उनके अधिकार के बारे में बता रही है। प्रदेश प्रभारी राजकुमार किराडू़ ने राजीव गांधी पंचायती राज संगठन की भूमिका, जनप्रतिनिधियों के अधिकार, कर्तव्य तथा संवाद कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। प्रदेश समन्वयक निलम चन्द्राकर ने कहा कि संवाद कार्यक्रम का उद्देश्य यह है कि एक ऐसा मंच हो जहां सभी को अपने विचार एवं सुझाव रखने का अवसर मिले और आज के इस कार्यक्रम ने पंचायतों एवं नगरीय निकायों की व्यवस्था को सुधार करने हेतु कई महत्वपूर्ण सुझाव दिये हैं।
राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के संभागीय समन्वयक शफी अहमद ने कहा कि कांग्रेस यह अनुषांगिक संगठन को ना सिर्फ पार्टी के कार्यकर्ताओं को ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर नगरीय निकाय तक एकजुट कर रहा है, बल्कि पंचायत एंव नगरीय निकाय क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों को उनके अधिकार एवं कर्तव्य भी बता रहा है, जिसके जरिये आमजनों की समस्याओं को हल निकाल सकें।
कार्यक्रम में लखनपुर नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह देव, जिला उपाध्यक्ष एवं पार्षद आलोक दुबे, महामंत्री जेपी श्रीवास्तव, ब्लाॅक अध्यक्ष शहरी हेमंत सिन्हा, मिडिया सेल अध्यक्ष द्वितेन्द्र मिश्रा, नुरूल अमिन सिद्दीकी, जिला पंचायत सदस्य राकेश गुप्ता, पार्षद सीमा सोनी, पपीन्दर सिंह, बबन सोनी, विवेक सिंह, कृतिका पाण्डेय, दिपक मिश्रा, अनुपम फिलिप, श्रीमती संध्या रवानी, अजय सिंह, सतीश बारी सहित विभिन्न जनप्रतिनिधियों ने सम्बोधित किया।