फ़टाफ़ट डेस्क..छत्तीसगढ़ में रमन सरकार ने अनुशासनहीन और करप्ट सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों का खाका तैयार कर उन्हें फोर्सली रिटायरमेंट करने का फार्मूला अपनाया था..और कुछ अफसरों को रिटायरमेंट भी कर दिया गया था..लेकिन ऐसे अफसरों को हाईकोर्ट ने राहत दी थी..लेकिन अब उसी फार्मूले पर भारतीय रेलवे ने भी 55 साल या उससे अधिक उम्र तक नौकरी करने वाले रेल्वेकर्मियो का खाका तैयार किया है..और रेलवे द्वारा जारी की गई उस फेहरिस्त में 6089 लोगो का नाम चिन्हित किया गया है..यही नही रेलवे ने तो बकायदा पहली फेहरिस्त भी जारी की है..जिसमे दिलचस्प बात तो यह है कि उस फेहरिस्त में मृत रेल्वेकर्मियो का नाम भी शामिल है.वही अब अधिकारी उस फेहरिस्त में संशोधन करने का हवाला दे रहे है..
दरअसल पूर्वी दक्षिण पूर्वी मध्य रेलवे के अंतर्गत कुम्हारी,दुर्ग,राजनांदगांव, डोंगरगढ़, बालोद,दल्लीराजहरा, रायपुर, बिलासपुर और नागपुर क्षेत्र आते है..और रेलवे के फोर्सली रिटायरमेंट फार्मूले के तहत रेलवे कर्मियों के नाम रेलवे प्रशासन को भेजे गए थे..और रेलवे प्रशासन ने दक्षिण पूर्वी मध्य रेलवे के कर्मियों की फोर्सली रिटायरमेंट की पहली सूची जारी कर दी है..जो अब विवादों से घिर गई है..जिसकी प्रमुख वजह यह है..की मृत रेलवे कर्मियों और पहले से रिटायर हो चुके कर्मियों के नाम उस सूची में शामिल किए गए है..जिसका विरोध होना तो लाजमी है.
जानकारी के मुताबिक रायपुर जोन के टेक्नीिशयन पनाथू, जेई सुदर्शन प्रसाद, तकनीशियन केवीएसएसएन राव की मौत दो साल पहले हो चुकी है. जल्दबाजी में रेलवे अधिकारियों ने इनके नाम भी शामिल कर लिए थे.
वहीं इसी तरह डीजल लोको शेड रायपुर के कर्मी बी यादव रिटायर हो चुके हैं. इनके भी नाम रेलवे ने सूची में डाल रखे थे. इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि जब एक यूनिट से इतनी ज्यादा गड़बड़ी की गई है, तो पूरे दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत इस तरह के करीब 150 कर्मी होंगे.