यहाँ कछुओं को भी है..कोर्ट के फैसले का इंतजार..4 साल पहले पुलिस ने पकड़ा था..इन कछुओं को!..

राजनांदगांव..आपने कोर्ट के फैसले का इंतजार करते इंसानों को तो देखा होगा मगर..यह कोई कहानी नही बल्कि हकीकत है..और कोर्ट के फैसले का इंतजार यहाँ कछुओं को करना पड़ रहा है..ये कछुवे वन विभाग की निगरानी में अपना दिन गिन रहे है..

दरअसल जिले की बसन्तपुर पुलिस ने 6 आरोपियों से साल 2015 में इन पांच कछुओं को बरामद किया था..और जानकारी के मुताबिक पुलिस गिरफ्त में आये आरोपीगण इन कछुओं का इस्तेमाल तंत्र-मंत्र के लिये किया करते थे..पुलिस ने इस मामले में आरोपियों को तो कोर्ट में पेश किया लेकिन इन 4 कछुओं को सबूत के तौर पर कोर्ट के आदेश के बाद वन विभाग की निगरानी में कछुओं को पानी की टँकी में रखा गया है..हालांकि इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों को जमानत मिल गई है..लेकिन यह मामला कोर्ट में लंबित है..

वही वन विभाग के मुताबिक इन कछुओं को साक्ष्य के तौर पर कोर्ट में प्रस्तुत करना पड़ सकता है..इसलिए इन कछुओं की देखभाल की जा रही है..लेकिन पुलिस ने इन कछुओं को वन विभाग को सौंपा तो है..मगर इनके भोजन की व्यवस्था नही की गई है..और विशेष फंड नही होने की वजह से वनकर्मी अपनी अपने खर्च पर इन कछुओं का भरण-पोषण कर रहे है..

वही वन विभाग के रेंजर केके वर्मा का कहना है कि..कछुए वन विभाग की देखरेख में है..और इन कछुओं को वन विभाग के डिपो में पानी की टँकी में रखा गया है..यही नही एक डिप्टी रेंजर समेत अन्य वनकर्मियों की निगरानी में है..और पानी मे बदबू ना आये इसलिए 24 घण्टो में पानी बदला जाता है..तथा कोर्ट के फैसले के इंतजार में 1 कछुए की मौत भी हो चुकी है..जिसका वनविभाग ने पोस्टमार्टम कराया था..

इसके अलावा विधि के जानकारों की माने तो ऐसे मामलों में वन्य जीव आरोपियों के कब्जे से बरामद होते है..वे शासन के अधीन होते है..लेकिन वह विभाग चाहे तो इन कछुओं को वन विभाग संरक्षित क्षेत्र में छोड़ सकता है..