अम्बिकापुर
मेडिकल कालेज अस्पताल मे कई चिकित्सको के एक साथ छुट्टी पर चले जाने से कई विभागो की ओपीडी मे मरीजो को खासी परेशानियो को सामना करना पड रहा है। खास तौर पर चर्म रोग से पीडित मरीज पिछले दो दिनो से अस्पताल आकर वापस या तो घर लौट जा रहे है या फिर निजी अस्पतालो मे मोटी रकम देकर अपने उपचार कराने के लिए विवश हो चुके है। बताया जा रहा है कि चर्म रोग के चिकित्सक विशेषज्ञ अभी और कुछ दिन छुट्टी पर रहेंगे । विडंबना है कि मेडिकल कालेज अस्पताल बनने के बाद प्रबंधन छुट्टी पर गए चिकित्सक की जगह कोई भी मेडिकल आँफिसर उनकी जगह ड्यूटी पर तैनात नही कर सका है।
गौरतलब है कि मेडिकल कालेज अस्पताल मे चर्म रोग की बिमारी के लिए मात्र एक चिकित्सक डाक्टर पी.के.सिन्हा नियुक्त है। किसी कारणवश अगर वे शहर से बाहर होते है तो दूसरी ओर मरीजो का ऐसे मे भटकना स्वाभाविक है। अस्पताल मे प्रतिदिन का आकडा देखे तो चर्म रोग विभाग मे हर रोज लगभग 40-50 पीडित अपना उपचार कराने पंहुचते है। डाँ सिन्हा सोमवार से छुट्टी पर हैं। इसके कारण चर्म रोग से पीडितो को ना सोमवार को उपचार मिल सका और ना ही आज दूसरे दिन मंगलवार को भी कोई सुविधा मुहैया हो सकी। जानकारी के अनुसार डाँ सिन्हा अभी और कुछ दिन छुट्टी पर ही रहेंगे , ऐसे मे चर्म रोग से पीडित लोगो की फजीहत होना तय है। प्रबंधन का इस ओर कोई ध्यान नही होने के कारण ये स्थिती यदकदा हर समय बनी रहती है। मात्र एक चिकित्सक के होने से पूरा भार उन पर रहता है। प्रबंधन अगर ऐसी परस्थितियो मे एक मेडिकल आँफिसर विभाग मे पदस्थ करता तो पीडितो को जरुरी सुविधा मिल सकती थी, परंतु अभी तक ऐसा नही हो सका है। आज भी एक दर्जन से अधिक मरीजो की भीड काफी देर तक विभाग मे खाली पडी चिकित्सक की कुर्सी को देख वापस लौट गई। इस गंभीर मामले को लेकर जब मेडिकल कालेज अधीक्षक डाँ घनश्याम सिंह से पक्ष लेने का प्रय़ास किया गया तो उन्होने भी कहा कि वे अभी छुट्टी पर है। वर्तमान समय मे इस प्रकार की स्थिती अन्य कई विभागो की भी है।