मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज दोपहर यहां अपने निवास परिसर में मुंगेली जिले के लोरमी क्षेत्र के सुदूरवर्ती वनग्रामो से बड़ी संख्या में आए ग्रामीणों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनी। श्री धनीराम यादव के नेतृत्व में आए ग्रामीणों के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर वन क्षेत्रों के गांवों में निवासरत गैर आदिवासी परिवारों को भी वन अधिकार मान्यता पत्र दिलाने का अनुरोध किया। ये ग्रामीण लोरमी विकासखंड के बिजराकछार ग्राम पंचायत क्षेत्र के आश्रित गांवों से आए थे। इनमें कुछ बैगा आदिवासी भी शामिल थे। उनका कहना था कि वे और उनके परिवार विगत 70-80 वर्षों से इन गांवों में निवास कर रहे हैं। उन्हें भी वन अधिकार मान्यता पत्र मिलना चाहिए। इस पर मुख्यमंत्री ने तत्काल मुंगेली के कलेक्टर श्री निरंजन महावर से मोबाईल फोन पर सम्पर्क कर उन्हें निर्देश दिए कि ऐसे परिवारों से नियमानुसार शपथ पत्र लेकर उनकी समस्या का उचित निराकरण किया जाए। डॉ. रमन सिंह ने उन्हें विश्वास दिलाया कि राज्य सरकार प्रदेश के चार सौ से अधिक वनग्रामों को राजस्व गांव के रूप में परिवर्तित करने की अपनी घोषणा पर गंभीरता से अमल करने जा रही है। कलेक्टरों और वनमंडलाधिकारियों को वनग्रामों का सीमांकन 15 जनवरी तक पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। वनग्राम जब राजस्व ग्राम बन जाएंगे, तो वहां के लोगों को भी खेती के लिए बैंक लोन के साथ खाद-बीज आदि की सुविधाएं मिलेंगी। इसके अलावा उन्हें वन विभाग की योजनाओं का फायदा भी यथावत मिलता रहेगा।