रायपुर….छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेलों के आयोजन और खेल गतिविधियों के समन्वय के लिए खेल विकास प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां मंत्रालय में खेल एवं युवा कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक में प्राधिकरण के गठन के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। खेल विकास प्राधिकरण के माध्यम से प्रदेश में खेलों के विकास के लिए नीतिगत निर्णय लिए जाएंगे।
इसी तरह बैठक में प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर विभिन्न खेलों के लिए खेल अकादमी प्रारंभ करने का सैद्धांतिक निर्णय भी लिया गया है। इससे राज्य के उद्योगों से अनुबंध कर सीएसआर मद किया जाएगा और अकादमी के माध्यम से खिलाड़ियों को विभिन्न खेलों के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था के साथ-साथ आवास एवं भोजन की व्यवस्था, मैदानों का रखरखाव, प्रशिक्षण के उपकरण, प्रतियोगिताओं का आयोजन, छात्रावास आदि सुविधाएं मिल सकेगी।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में तैराकी, तीरंदाजी, मैराथन जैसी लम्बी तेज चाल जैसे अनेक खेलों में नैसर्गिक रूप से प्रतिभा मौजूद है। ऐसी खेल प्रतिभाओं की अगर अच्छे कोच, खेल अधोसंरचनाएं और अकादमी के माध्यम से आवासीय प्रशिक्षण की सुविधा दी जाए वे देश के साथ अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी प्रतिभा दिखा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य के खेल अधोसंरचनाओं के अधिकतम उपयोग करने पर जोर दिया..बैठक में राज्य में स्पोर्ट्स स्कूल प्रारंभ करने, ग्राम पंचायत स्तर पर युवाओं को खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों से जोड़ने और खेल अधोसंरचनाओं के उपयोग के लिए योजना तैयार करने के निर्देश दिए। इसके लिए खेल विभाग द्वारा ओड़िसा एवं अन्य राज्यों के मॉडल के अध्ययन के लिए भी भेजने का निर्णय लिया गया।
बैठक में खेल मंत्री श्री उमेश पटेल, मुख्य सचिव श्री सुनील कुजूर, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री गौरव द्विवेदी, खेल विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी और खेल संचालक श्रीमती श्वेता सिन्हा भी उपस्थित थीं।