जगदलपुर (कृष्ण मोहन कुमार) प्रदेश के मुख्यमंत्री डाॅ. रमनसिंह ने आज बस्तर दशहरा के अवसर पर सिरहासार भवन में ऐतिहासिक मुरिया दरबार रस्म में शामिल होकर जनप्रतिनिधियों, बस्तर दशहरा समिति के पदाधिकारियों सहित बस्तर दशहरा के अभिन्न अंग तथा बस्तर के गांव-गांव से आये मांझी, चालकी, मेम्बर-मेम्बरीन, नाईक, पाईक आदि से रूबरू होकर भेंट की और परम्परा के अनुसार उनके साथ बैठकर उनकी बातों और समस्याओं को सुना। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने मांझी, चालकी तथा मेम्बर-मेम्बरीन की मांग पर उनकी मानदेय वृद्धि करने की मंजूरी दी। जिसके तहत् अब मांझियों को 2 हजार रूपए, चालकी को 1 हजार रूपए तथा मेम्बर-मेम्बरीन को 1200 रूपए हर महीने मानदेय प्रदान किया जाएगा।
75 दिनों तक चलने वाले बस्तर दशहरा का हुआ समापन
मुख्यमंत्री डाॅ. रमनसिंह ने अपने संबोधन में कहा कि बस्तर दशहरा पर्व सैकड़ों वर्ष पुराना परम्परागत और अनूठा एवं अद्भुत पर्व है, जो 75 दिनों तक चलता है। यह एक ऐसा दशहरा है जहां मां दन्तेश्वरी की पूजा-आराधना होती है। यह पर्व बस्तर के लोगों का जनउत्सव है। उन्होंने कहा माॅं दन्तेश्वरी के आशीर्वाद और आप सभी के सहयोग से ही यह सफलतापूर्वक संपन्न हुआ है। मुख्यमंत्री ने बस्तर के लोगों को अपनी परम्परा और संस्कृति को बनाए रखने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि आप सभी के मेहनत व मां दंतेश्वरी की कृपा से सैकड़ों वर्षों से चली आ रही बस्तर दशहरा की परम्परा न केवल देश बल्कि विदेशों में भी ख्यातिप्राप्त है। उन्होंने कहा कि बस्तर दशहरा को देखने देश के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ विदेशों से भी बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं।