मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप न्यायिक जांच आयोग गठित : नसबंदी शिविरों में महिलाओं की मृत्यु और बीमार होने का मामला

रायपुर

14 नवम्बर 2014

राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के संकरी (पेंडारी), गौरेला, पेण्ड्रा और मरवाही में महिला नसबंदी शिविरों में 13 महिलाओं की मौत और ऑपरेशन के बाद कई महिलाओं के बीमार होने की घटनाओं की न्यायिक जांच के लिए एकल सदस्यीय  जांच आयोग का गठन कर दिया है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कल अपरान्ह निष्पक्षता और पारदर्शिता की दृष्टि से बिलासपुर में इस मामले की न्यायिक जांच कराने की घोषणा की थी। उनकी घोषणा पर त्वरित अमल करते हुए सामान्य प्रशासन विभाग ने कल रात में ही यहां मंत्रालय (महानदी भवन) से आयोग गठन की अधिसूचना जारी कर दी।

अधिसूचना के अनुसार एकल सदस्यीय जांच आयोग का गठन कर सेवा निवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती अनिता झा को जांच का दायित्व सौंपा गया है। आयोग इस अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से तीन महीने के भीतर राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट देगा। अधिसूचना में कहा गया है कि इस महीने की आठ तारीख को बिलासपुर जिले के संकरी (पेंडारी) और दस तारीख को गौरेला, पेण्ड्रा तथा मरवाही में महिलाओं के लिए दूरबीन पद्धति के नसबंदी शिविर आयोजित किए गए थे। शिविरों में ऑपरेशन के बाद कई महिलाओं का स्वास्थ्य खराब हो गया, 13 महिलाओं की मृत्यु हो गयी और कई महिलाओं को गंभीर स्थिति में बिलासपुर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। लोक महत्व को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार की यह राय है कि इस घटना की जांच के लिए एक न्यायिक जांच करना आवश्यक है। आयोग को सार्वजनिक महत्व के जिन विषयों की जांच सौंपी गयी है, उनके बिन्दु इस प्रकार हैंः-

(1) क्या ये शिविर करने में मानक प्रक्रियाओं का पालन किया गया है ?

(2) ये घटना किन परिस्थितियों में हुई ?

(3) क्या शिविरों में मानक दवाईयों का उपयोग किया गया ?

(4) घटना के लिए कौन-कौन दोषी है ?

(5) भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं ?

(6) प्रदेश में परिवार कल्याण कार्यक्रमों में लैंगिक समानता (Gender Equality) के लिए सुझाव और

(7) जांच के दौरान लोक महत्व के ऐसे बिन्दु, जिनकी जांच करना आयोग आवश्यक समझे। आयोग का गठन जांच आयोग अधिनियम (1952 की संख्या 60) की धारा-3 के तहत प्राप्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए राज्य सरकार ने लोक महत्व की विशेष जांच के लिए इस आयोग का गठन किया है। जांच के दौरान आयोग द्वारा तकनीकी विषय/बिन्दुओं पर किसी भी संस्था/विशेषज्ञ की सहायता ली जा सकेगी।