बलरामपुर जिले के सवनी मॉडल हाई स्कूल में अव्यवस्था का आलम है। बिजली पानी और शौचालय की ब्यवस्था नहीं है, छात्रों को कम्प्यूटर की जानकारी नहीं मिल पा रही है। स्कूली क्षात्राओ को सौच के लिए जंगल जाना पड़ता है, जिससे लडकिया शर्मशार हो रही है। जिला तो उपराष्ट्रपति से अवार्ड लेकर ओडीएफ हो चूका है पर जिम्मेदार अधिकारी अब भी दे रहे है रटा रटाया जवाब।
दरअसल ये पूरा मामला बलरामपुर जिला मुख्यालय से लगे 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सौनी मॉडल हाई स्कूल का है यहाँ पर पढ़ने वाली छात्राओ का कहना है की स्कूल में बिजली की ब्यवस्था नहीं है बिजली तो आई थी लेकिन अधिकारिओ की लापरवाही से अब सिर्फ टूटे फूटे बिजली के बोर्ड ही बच गए है। स्कूल में शौचालय तो बना है लेकिन पानी नहीं है जिसके कारण सौच के लिए जंगल जाना पड़ता है जिससे उन्हें शर्म महशूस होती है।
स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों का कहना है की स्कूल में बिजली की व्यवस्था नहीं होने के कारण उनको कम्प्यूटर की जानकारी नहीं मिल पा रही है। वही जब स्कूल के शिक्षक से इस बारे में पूछा गया तो उनका कहना है की स्कूल में लाइट और पंखे तो शुरू में लगे थे लेकिन धीरे धीरे सब चोरी हो गए, अब स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षक का कहना है की इसकी शिकायत वो अपने उच्च अधिकारियो को भी कर चुके है लेकिन अब तक कोई भी कार्यवाही नहीं हो पाई है।
वहीँ जब इस पूरे मामले की जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी आई पी गुप्ता को दी गई तो उनका कहना है की उन्हें इस बारे में कोई शिकायत नहीं मिली है और वो जाँच का हवाला देते हुए रटा रटाया जवाब दे रहे है। बहरहाल माडल स्कूल का तमगा सरकार को दिखाकर आंकड़ो की जादूगरी ये अधिकारी दिखा रहे है, जबकी जमीनी हकीकत कुछ और है.. ऐसे में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के सपने मुंगेरी लाल के सपनो से कम नहीं प्रतीत होते है..