भूख व डीहाईड्रेशन से हाथी के शावक की मौत, पेट में नहीं मिला खाना

लुण्ड्रा वन परिक्षेत्र के डुमरडीह में मिला शव , वन विभाग ने दफनाया शव

अंबिकापुर

हाथियों के लिए स्वर्ग कहे जाने वाले सरगुजा जिले में अब हाथी अपना दम तोड़ रहे हैं वह भी सिर्फ इसलिए क्योंकि 13 हाथियों के दल में शामिल एक महीने के नन्हें शावक को खाना नहीं मिला। भीषण गर्मी में जंगल के भीतर और कभी ग्रामीण इलाके में भोजन की तलाश कर रहा हाथी का दल अपने एक महीने के नन्हें शावक को खाना नहीं खिला पाया। बुधवार की देर रात हाथियों का दल शावक के शव के इर्द गिर्द घूमता रहा और गुरूवार की सुबह हाथियों का दल जंगल में लौट गया। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम डूमरडीह पहुंची और हाथी के शावक के शव का पोस्टमार्टम कराया। पीएम रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि हाथी के बच्चे के पेट में भोजन नहीं था और वो पूरी तरह से डिहाइड्रेशन का शिकार था। शव का पीएम करने के बाद वन विभाग की टीम ने हाथी के शव को वहीं दफना दिया है। हाथी के शावक की मौत से ग्रामीणों में दुरूख के साथ ही भय भी देखा जा रहा है। क्योंकि हाथी अपने दल से मरे हुए सदस्यों को जल्दी छोड़कर नहीं जाते हैं और अक्सर हाथी कब्र के आसपास ही मंडराते रहते हैं। ऐसे में ग्रामीण इस बात से डरे हुए हैं कि कहीं हाथियों का दल उन्हें नुकसान ना पहुंचाए।