सीतापुर अनिल उपाध्याय : जल संसाधन विभाग द्वारा सिंचाई सुविधा हेतु ग्राम बेलजोरा में बनाये गये बाँध में जल संकट गहराने से क्षेत्र की सिंचाई सुविधा बुरी तरह बाधित हो गई है।सिचाई सुविधा बाधित होने से क्षेत्र के किसान रवि फसल से वंचित हो गये।सिंचाई के अभाव में किसानों के खेत सूखे की मार झेल रहे है।इस संबंध में क्षेत्र के किसानों ने बताया कि दशकों पुर्व बने इस बाँध से क्षेत्र के जरूरतमंद किसानों को आज तक कोई लाभ नही मिला सका सिंचाई के अभाव में वर्षो से हमारे खेत सूखे की मार झेल रहे है।अगर बाँध सिंचाई योग्य होता तो किसानों की खेती उपजाऊ होती और रवि फसल के साथ-साथ अन्य फसलों की खेती कर किसान मजबूत होता लेकिन दुर्भाग्य है कि इतना बडा बाँध होने के बावजूद हमारी खेती भगवान भरोषे है।किसानों ने बाँध की दुर्दशा के लिये विभाग को जिम्मेदार ठहराते हुये कहा कि करोड़ो की लागत से निर्मित यह बाँध हमारे किसी काम का नही है।
क्षेत्र में सिंचाई व्यवस्था बहाल करने जल संसाधन विभाग द्वारा ग्राम बेलजोरा में 15 करोड़ की लागत से बाँध का निर्माण कराया गया है इसके साथ नहर निर्माण भी कराये गये थे ताकि सिंचाई के लिये किसानों के खेतों तक बाँध का भरपूर पानी पहुँचाया जा सके जिससे किसान अपने खेतों में भरपूर पैदावार ले सके।किन्तु बाँध निर्माण के दौरान क्षेत्र की भगौलिक स्थित को दरकिनार किये जाने से इसकी सिंचाई क्षमता प्रभावित हो गई और बाँध कभी भी निर्धारित सिचाई लक्ष्य पूरा नही कर सका।इसका सीधा नुकसान किसानों को भुगतना पड़ रहा है।इस संबंध में किसान महेश,दीनदयाल,फिर्रु,दलसाय जंगली मनबोध देवीराम,सकलू घरजिहा, कलमु आदि किसानों ने कहा कि इस बांध से ग्राम ललितपुर बेलजोरा धरमपुर सुरेशपुर होकड़ोपरा गुरगुमा जैसे गाँव के किसानों को लाभ मिलना था किंतु विभागीय अधिकारियों की मनमानी एवं निर्माण कार्य के दौरान बरती गई लापरवाही के कारण अब ये बाँध किसानों के लिये वरदान की बजाये अभिशाप बन गया है।उन्होंने बताया कि सिंचाई के नाम पर होकडोपारा एवं ललितपुर जैसे गाँव को छोड़ दे तो शेष गाँव के खेत सिंचाई के अभाव में सूखे की मार झेल रहा है सैकड़ो हेक्टेयर खेत वीरान पड़े हुये है।
नहर निर्माण में लापरवाही:
विभाग द्वारा नहर निर्माण के दौरान बरती गई लापरवाही के कारण ग्राम बेलजोरा सुरेशपुर धरमपुर एवं गुरगुमा में बने नहर बेकार हो गये है।यहाँ ऊँचाई पर होने के कारण नहरों में बाँध का पानी चढ़ नही पाता है जिससे खेतो की सिंचाई नही हो पाती है।इन नहरों के रखरखाव एवं मरम्मत पर विभाग ने कई योजनाओं से लाखों रुपये खर्च कर डाले किन्तु नहरों की स्थिति नही सुधार सके।पानी की तरह पैसा बहाने के बाद भी नहरे सुखी पड़ी है।
खतरे में है बाँध:
पिछले बरसात में हुई मूसलाधार वारिश के चलते बाँध क्षतिग्रस्त हो गया था नौबत तो यहाँ तक आ गई थी कि बाँध कभी भी ढ़ह सकता है।बाँध की ये हालत देख ग्रामीण भी काफी दहशत में आ गये थे।इसी बीच अधिकारियों ने क्षतिग्रस्त बाँध की मरम्मत कराने बाँध का पानी बहा दिया जो जिससे बाँध में पानी की कमी हो गई और जल संकट निर्मित हो गया।अधिकारियों ने पानी खाली कर क्षतिग्रस्त बाँध की मरम्मत तो करा दी किन्तु करोड़ो खर्च करने के बाद भी मजबूती नही दे सके। लेकिन उसे जो मजबूती देनी थी वो नही दे पाये।मरम्मत के बाद भी बाँध का वह हिस्सा अपूर्ण और क्षतिग्रस्त है।
इस संबंध में अनुविभागीय अधिकारी जल संसाधन संजय कुमार मींज ने बताया कि उस क्षेत्र का सर्वे कराने के बाद नहर को विकसित किया जायेगा और बाँध की सिंचाई क्षमता बढ़ाई जाएगी ताकि किसानों को इसका लाभ मिल सके।मौजूदा हालात के बारे में उन्होंने बताया कि वहाँ का निरीक्षण करने के बाद कुछ कह पाऊँगा।