बिना रजिस्ट्रेशन बेधडक चल रहे ट्रेक्टर

व्यवसायिक उपयोग का रजिस्ट्रेशन अलग से करता है परिवहन विभाग
प्रशासन को प्रतिमाह लाखो का लग रहा चुना 

कोरिया( बैकुण्ठपुर से J.S.ग्रेवाल)

रेत, ईंट और पत्थर जैसे खनिज ढोने वाले ट्रैक्टर-ट्रॉलि वाहनो का नियमानुसार कॉमर्शियल रजिस्ट्रेशन होना चाहिए, पुलिस सहित परिवहन विभाग ट्रैक्टरों के इन रजिस्ट्रेशनों की जांच भी नहीं करता वहीं इन वाहनों के पंजीयन के लिए जिले में आज तक शिविर भी नहीं लगाए गए हैं कृषि कार्य के अलावा अगर ट्रैक्टर का उपयोग किसी भी अन्य व्यवसायिक कार्य में किया जाता है तो ट्रैक्टर को व्यवसायिक कार्य के लिए पास करवाया जाता है इतना ही नहीं ट्रॉलियों का रजिस्ट्रेशन भी अलग से होता है, लेकिन जिले में चल रहे ट्रैक्टर-ट्रॉली कृषि कार्य के लिए पास हैं और इनका उपयोग व्यवसायिक कार्य में किया जा रहा है इलाके से अवैध रेत का परिवहन करने वाले सभी ट्रैक्टर इसी श्रेणी के हैं इसके अलावा ईंट और पत्थर का परिवहन करने वाले ट्रैक्टर्स भी अपना पंजीयन व्यवसायिक श्रेणी में नहीं करवाते अक्सर सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं में जो ट्रैक्टर दुर्घटना का कारण बनते हैं, उनके ट्रैक्टर तो रजिस्टर्ड होते हैं, लेकिन ट्रॉली नहीं 

जानकारी का अभावTRCTOR 1

जिले में लोगो को इस बात की जानकारी का खासा अभाव है की ट्रैक्टर-ट्रॉली दोनों का अलग-अलग रजिस्ट्रेशन होता है इसके वावजूद भी जिले में पुलिस महकमा, परिवहन विभाग और खनिज विभाग जब कभी ऐसे वाहनो की धरपकड़ करती है वह चलान अथवा पैसे लेकर वाहनो को छोड़ देती है सरकारी तंत्र कभी भी इस पचेड़े में नहीं पड़ती है की आमलोगों को इस बात की जानकारी हो की ट्रैक्टर-ट्रॉली दोनों का अलग-अलग रजिस्ट्रेशन होता है

शिविर लगा कर दी जनि चाहिए जानकारी

 ट्रैक्टर्स के व्यवसायिक पंजीयन और ट्रॉलियों के पंजीयन के लिए जिले में बकायदा शिविर लगा कर जानकारी दी जानी चाहिए ताकि जानबूझ कर की जा रही गलती को रोक जा सके पर शायद इस काम के लिय सरकारी तंत्र के पास समय नहीं है  

ऑन लाइन होते है पंजीयन

खनिज विभाग में अलग से रजिस्ट्रेशन का नियम परिवहन विभाग के अलावा भी अगर ट्रैक्टर-ट्रॉली खनिज जैसे पत्थर, रेत मुरम आदि का परिवहन करते हैं तो ऐसे वाहनों का पंजीयन माइनिंग विभाग में करवाना होता है यह पंजीयन ऑन लाइन होते हैं इस पंजीयन के अभाव में किसी भी तरह के खनिज का परिवहन भी अवैध माना जाता है ऐसे में माइनिंग विभाग भी इस तरह के खनिज परिवहन करने वाले ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की जांच करने में पीछे है