प्रयास स्कूल के बच्चे अन्य स्कूलों के लिए रोल माडल बनें-केदार कश्यप 

प्रयास आवासीय विद्यालय के विद्यार्थी लगन और मेहनत से पढ़ाई कर अपने माता-पिता के सपनों को करे साकार 

अम्बिकापुर

आदिम जाति, अनुसूचित जाति एवं स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप ने सरगुजा के जिला मुख्यालय अम्बिकापुर में संचालित प्रयास आवासीय विद्यालय के विद्यार्थियों से कहा है कि वे लगन और कड़ी मेहनत से पढ़ाई कर अपने माता-पिता के सपनों को साकार कर अपने लक्ष्यों की पूर्ति करें तथा अन्य स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए रोल मॉडल बनें। श्री कश्यप ने यह विचार आज प्रयास आवासीय विद्यालय के निरीक्षण के दौरान वहां के बच्चों को संबोधित करते हुए व्यक्त किया।

आदिम जाति एवं स्कूल शिक्षा मंत्री श्री कश्यप ने विद्यार्थियों से कहा कि वे समय का बेहतर सदुपयोग कर अपने जीवन में कुछ अच्छा बनने के लिए निर्धारित लक्ष्य के पूर्ति करें जिससे उन्हें बाद में पछताना न पड़े। उन्होंने कहा कि प्रसाय आवासीय विद्यालय में केवल परीक्षा पास करने के लिए पढ़ाई न करें, बल्कि वे कोई क्षेत्र चुने और उसमें विशेषज्ञता हासिल कर अपने स्वयं की पहचान बनायें। उन्होंने विद्यार्थियां से कहा कि कोई विषय समझ नहीं आने पर बेझिझक होकर शिक्षक से पूछे और शंकाओं का समाधान करें। श्री कश्यप ने विद्यार्थियों से कहा कि प्रयास आवासीय विद्यालय में कोई कमी न रहे, इसके लिए राज्य शासन द्वारा हर संभव प्रयास किया जाता है। यहां के विद्यार्थी भी पढ़ाई में कोई कोर-कसर न छोडं़े और अपना लक्ष्य निर्धारित कर समय का सदुपयोग करते हुए राज्य शासन की मंशा की पूर्ति करें और प्रयास आवासीय विद्यालय का भी नाम रोशन करें।

आदिम जाति एवं स्कूल शिक्षा मंत्री श्री कश्यप ने प्रयास आवासीय विद्यालय के विद्यार्थियों से पढ़ाई के स्तर के बारे में पूछताछ की। उन्होंने बारहवीं कक्षा के विद्यार्थी श्री जयकिशन राम एवं राजाराम एक्का से पूछा की वे पढ़-लिखकर क्या बनना चाहते हैं तो दोनों का जवाब था कि वे इंजीनियर बनना चाहते हैं। एक छात्रा आकांक्षा ने कहा कि वे पढ़कर डॉक्टर बनना चाहती हैं वहीं सुधीर जायसवाल ने कहा कि वह आईएएस बनना चाहता है। स्कूल शिक्षा मंत्री ने उन सभी बच्चों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आईआईटी, एनआईटी और एमबीबीएस के लिए चयनित छात्रों के फोटो भी यहां प्रदर्शित किये जायें। उन्होंने कहा कि बच्चां को अंग्रेजी बोलना सिखाने के लिए विशेष कक्षा भी लगायें। श्री कश्यप ने कहा कि प्रयास आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाले जिन बच्चों का चयन उनकी इच्छा अनुरूप शिक्षण संस्थान में न हुआ हो तो उनको कोचिंग दिलाने के बारे में कार्यक्रम तैयार किये जायें। स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि बालक छात्रावास प्रयास विद्यालय से ड़ेढ से दो किलोमीटर दूर होने के कारण दोपहर के भोजन के लिए आने-जाने में ड़ेढ-दो घण्टा समय लगाता है उसे बचाने के लिए दोपहर के भोजन की व्यवस्था प्रयास विद्यालय में तैयार कराने या टिफीन के माध्यम से व्यवस्था की जाये, जिससे बच्चों को खेलने के लिए आधा घण्टा का समय मिल जायेगा। श्री कश्यप ने कहा कि खेलने-कूदने से तन और मन स्वस्थ रहेगा। इसके साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों को 10-15 मिनट योग कराने के भी निर्देश दिये।

आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री कश्यप ने राज्य सरकार द्वारा प्रयास आवासीय विद्यालय खोलने के उद्देश्यों से विद्यार्थियों को अवगत कराते हुए कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा स्कूलों को तोड़ दिये गये थे। वहां के बच्चों को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आवासीय विद्यालय की सुविधा उपलब्ध करायी गई जिससे वहां के बच्चे आईआईटी में चयनित होने लगे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2010 में प्रयास आवासीय विद्यालय शुरू किया गया था और वर्ष 2011 में दो विद्यार्थी आईआईटी हेतु चयनित हुए जिसमें से एक विद्यार्थी बलरामपुर-रामानुजगंज जिले का जयप्रकाश है जिसके पिता मनरेगा में काम करते थे। दूसरा विद्यार्थी कोण्डागांव जिले का सूर्यप्रकाश  है।

प्रयास आवासीय विद्यालय के प्राचार्य नरेन्द्र सिंह ने बताया कि वर्ष 2015-16 में एनआईटी में 3 छात्र तथा शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश हेतु 18 छात्र-छात्राएं चयनित हुए। इसके पहले वर्ष 2014-15 में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में 8 विद्यार्थी सफल रहें। जिनमें आईआईटी में 1, एनआईटी में 5 और पीएमटी में 2 विद्यार्थी सफल रहें। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष से इस वर्ष यहां का परीक्षा परिणाम और बेहतर होने की संभावना है।