अम्बिकापुर एकात्म मानववाद के प्रणेता पण्डित दीनदयाल उपाध्याय की 50 वीं पूण्य तिथि के अवसर पर आज जिला पंचायत सभाकक्ष के समीप अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा पण्डित दीनदयाल उपाध्याय के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई तथा दो मिनट का मौन धारण किया गया।
उल्लेखनीय है कि पण्डित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितम्बर 1916 को मथूरा में हुआ था। पण्डित दीनदयाल उपाध्याय महान चिंतक और संगठनकर्ता थे। उन्होंने भारत की सनातन विचारधारा को युगानुकूल रूप में प्रस्तुत करते हुए देष को एकात्म मानववाद जैसी प्रगतिषील विचारधारा दी। पण्डित दीनदयाल उपाध्याय की मृत्यु 11 फरवरी 1968 को हो गया। केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा पण्डित दीनदयाल उपाध्याय के नाम से अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं जिनमें दीनदयाल अन्त्योदय योजना, पण्डित दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौषल योजना आदि प्रमुख हैं।
सरगुजा जिले के सभी सातो जनपदों अम्बिकापुर,लखनपुर,उदयपुर,लुंड्रा, बतौली, सीतापुर एवम मैनपाट की ग्राम पंचायतों में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि के अवसर पर उनका पूण्य स्मरण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया।इस अवसर पर वक्ताओं ने अंत्योदय एवम उनके जीवन पर प्रकाश डाला।
इसके साथ ही जिला पंचायत में भी पुण्यतिथि का कार्यक्रम किया गया।
ज्ञात हो कि 2 फरवरी को मैनपाट में मान मुख्यमंत्री द्वारा 2017 में आजोजित पंडित दीनदयाल उपाध्याय शताब्दी समारोह के सुरगजा ज़िले में आयोजित कार्यक्रमो का एक मोनोग्राफ का विमोचन भी किया गया था।
इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अनुराग पाण्डेय, संयुक्त संचालक जनसंपर्क संतोष सिंह, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास जे.आर. नागवंषी, श्रम पदाधिकारी अनिल कुजूर, साक्षर भारत कार्यक्रम के जिला परियोजना अधिकारी गिरीष गुप्ता सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।