अम्बिकापुर
पालीथीन पर पूर्णत प्रतिबंध लगाना शासन के लिए भले ही चुनौती हो लेकिन सरगुजा कलेक्टर ने इसे काफी गंभीरता से लिया है। और पाली बैग पर प्रतिबंध लगाने के लिए कलेक्टर ना केवल कार्ययोजना तैयार की है बल्कि कुछ ऐसे कमद भी उठाए है जिससे आम लोगो की मदद से स्वस्फूर्त पालिथीन पर प्रतिबंध लग जाए।
पर्यावरण और खेती के लिए हानिकारण पालीथीन पर प्रतिबंध लागने के आदेश राज्य शासन ने वैसे तो प्रदेश के हर जिलो मे भेजा है। लेकिन सरगुजा जिला में पालीथीन के प्रयोग पर रोक लगाने के लिए कलेक्टर ने विशेष पहल की है। इसमे कलेक्टर ने आज पालीबैग बनाने , संग्रहण करने और बेंचने वाले व्यापारियो की बैठक ली। बैठक मे कलेक्टर ऋतु सैन ने एक सप्ताह के भीतर पालीथीन को इक्ठठा कर 13 जनवरी तक कला केन्द्र मैदान मे सामूहिक रुप से जमा करने की अपील की। इतना ही नही कलेक्टर ने निगम द्वारा अभियान चला कर हर वार्ड के कलेक्शन सेंटर मे पालीबैग इक्ठ्ठा कराने की कार्ययोजना भी बनाई है। लेकिन इन सब के बीच कलेक्टर ने जो विशेष पहल की है उसमे स्कूली बच्चो के माध्यम से पुराने पालीथीन के कलेक्शन की पहल है। जिसके माध्यम से बच्चे अपने घरो के पुराने पालीथीन इक्ठठा करके लाएगे। जिनके बदले उन्हे प्रति किलो 10 रुपए का कूपन दिया जाएगा। जिसका उपोयग वो आईसक्रीम पार्लर और रिचार्ज कूपन जैसी सुविधाओ के लिए कर सकेंगे।
बच्चो को पालीथीन के बदले आईसक्रीम और मोबाईल रिचार्ज की इस योजना के बाद निगम ने शहर के विभिन्न स्कूलो मे पालीथीन संग्रहण केन्द्र बनाना भी शुरु कर दिया है। इधर जिला प्रशासन द्वारा पाली बैग के निर्माता और विक्रेता व्यापारियो को पाली बैग को इक्ठठा कर जमा करने के लिए 13 तारीख का समय दिया गया है। साथ ही जमा पालीथीन का उपयोग निगम प्रबंधन द्वारा सडक निर्माण मे किए जाने की खबर के बाद व्यापारी ने प्रशासन की पहल का स्वागत किया है।
पालीथीन पर पूर्णत प्रतिबंध लगाना आम लोगो की जागरुकता के बिना संभव नही है और शायद यही वजह है कि पालीथीन पर कडाई से प्रतिबंध लगवाने के पहले सरगुजा जिला प्रशासन ने इस बतौर अभियान शुरु किया है। बहरहाल जिला प्रशासन , निगम प्रबंधन और छत्तीसगढ चेंबर आँफ कामर्स की संयुक्त पहल से पालीथीन पर पूर्णत प्रतिबंध लग जाएगा,, तो वास्तव मे वनांचल जिला सरगुजा की हरी वादियां विरान होने से बच सकती है।