ग्रीन एंबेस्डर की मेहनत होगी एजुकेशन सेंटर में विकसित
यूएनडीपी से मान्यता के बाद अब इको क्लब के बच्चे देंगे स्वरूप
अम्बिकापुर-दीपक सराठे
जैवविविधता व पर्यावरण संरक्षण में युवा व बच्चे आगे आयें इसके लिए एक बड़ी तैयारी छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में शुरू हो गई है। अप्रैल के प्रथम सप्ताह से धरातल पर मूर्त रूप लेने वाली इस तैयारी को बिलासपुर इको क्लब के बच्चे स्वरूप देंगे। यही नहीं इस कार्य में पर्यावरण के प्रति जागरूक अन्य बच्चों के युवाओं को भी सहयोग के लिए आमंत्रित किया जाएगा। यह काम वृक्षमित्र व ग्रीन ऐंबैसडर की उपाधि से नवाजे गए ओ पी अग्रवाल के नेचर हब में होगा। इस बड़े एजुकेशन सेंटर का मूल उद्देश्य खासकर युवा पीढ़ी के दिलो-दिमाग पर जैव विविधता व पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरुक करना है, ताकि आने वाले दिनों में जब पर्यावरण पर कई संकट खड़े हो गए हैं, उनसे बचा जा सके।
जैव विविधता वह पर्यावरण संरक्षण को लेकर इस एजुकेशन सेंटर के बारे में आज इको क्लब के शिक्षक पानू हलदार ने विस्तार से जानकारी दी। वृक्षमित्र ओपी अग्रवाल के नेचर हब में उन्होंने बताया कि इको क्लब को 12 दिसंबर के दिन यूएनईपी से मान्यता मिली है। इस क्लब द्वारा पर्यावरण के क्षेत्र में किए गए हर कार्य को अब यूएनईपी की बेवसाइट में भी देखा जा सकता है। श्री हालदार ने बताया कि श्री अग्रवाल के नेचर हब में बायोडायवर्सिटी हट वह एजुकेशन सेंटर छत्तीसगढ़ में ही नहीं बल्कि भारत का एक बड़ा बायोडायवर्सिटी हट होगा। खासतौर पर अर्बन इलाके के लिए इस प्रकार का एजुकेशन सेंटर होना बहुत जरूरी है। अप्रैल के पहले सप्ताह में प्रारंभ होने वाले इस एजुकेशन सेंटर का नेतृत्व कोलकाता से आए गौतम दास करेंगे। बड़ी बात यह भी है कि युवा व बच्चों की सहायता से वेस्ट का यूज़ कर इस बायोडाइवर्सिटी हट को विकसित किया जाएगा। इस एजुकेशन सेंटर से और युवा बच्चों को पर्यावरण संरक्षण में मदद मिल पाएगी जो युवा पर्यावरण को जानने उत्सुक रहते हैं। प्रेस वार्ता के दौरान सब्जी व्यवसाई संघ के लक्ष्मी गुप्ता सहित अन्य पर्यावरण प्रेमी मौजूद थे।
इको क्लब के बच्चों ने दी रोचक जानकारी
बिलासपुर इको क्लब के छात्र हिमांगी हालदार, अभिलाषा टोप्पो, पूनम सिंह, पूजा मोर्य, सुरभि उत्तम, कुमार तंबोली, मानस खड़ेकर, देवप्रिया गांगुली, ने उपस्थित पत्रकारों को पर्यावरण संरक्षण संरक्षण से जुड़ी कई रोचक बातों को बताया बच्चों ने तातापानी महोत्सव में बौद्ध वृक्ष का मॉडल बनाकर कई संदेश उस के माध्यम से दिए है।
बनाया जाए पर्यावरण मित्र
इको क्लब के शिक्षक श्री हालदार ने बताया कि हमारी कोशिश है कि हर स्कूल व जनपद क्षेत्र में पर्यावरण मित्र की नियुक्ति हो वहां पर्यावरण के लिए किए जा रहे हैं काम की हर रोज रिपोर्टिंग वरिष्ठ अधिकारियों को मिल सके इस कोशिश से पर्यावरण को संरक्षण करने में काफी मदद मिल पाएगी।