अम्बिकापुर
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के मद्देनजर पदोन्नति में आरक्षण समाप्त करने की मांग को लेकर सर्व ब्राम्हण समाज सरगुजा ने कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को एक ज्ञापन सौंपा है।
ज्ञापन में बताया गया है कि शासकीय सेवाओं आरक्षण के विषय में सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली के निर्णय से राजस्थान उ.प्र. बिहार एवं गुजरात के बाद गत 8 अप्रैल को उच्च न्यायालय म.प्र. जबलपुर ने भी सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को मानते हुये शासकीय विभागों में पदोन्नति में आरक्षण दिये जाने को न्याय संगत नहीं माना है एवं वर्ष 2002 के उपरांत आरक्षण नीति केा अवैध करा दिया है। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद म.प्र. के निर्णयों को यथावत यहां भी लागू किया गया है ऐसी स्थिति में म.प्र. की पदोन्नति नीति यहां लागू है जिसके कारण सामान्य वर्ग के शासकीय अधिकारीगण एवं कर्मचारियों के द्वारा 30-32 वर्ष की शासकीय सेवा पूर्ण करने के बाद भी पदोन्नति से वंचित है एवं इससे उनके एवं उनके परिवार के लोगों का मनोबल पर विपरित प्रभाव पड़ रहा है। सर्व ब्राम्हण समाज अम्बिकापुर यह मांग करती है कि उपरोक्त दिशा निर्देशों के अनुसार छ.ग. राज्य के सभी शासकीय विभागों में पदोन्नति में आरक्षण को समाप्त करते हुये योग्यता एंव वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति कराये जाने की मांग की है।