- पत्नी पर कसा टिप्पणी, पति ने दोस्त को उतारा मौत के घाट
- एक माह बाद आरोपी गिरफ्तार
अम्बिकापुर
नगर के प्रतापपुर नाका के पास किराये के मकान में गंभीर हालत में मिले पिकअप चालक मुनेश्वर चैहान की हत्या की गुत्थी अम्बिकापुर क्राइम ब्रांच पुलिस ने सुलझा ली है। युवक की हत्या उसी के पिकअप चालक दोस्त ने की थी। आरोपी युवक असलम ने बताया कि मृतक मुनेश्वर ने उसकी पत्नी के बारे में आपत्तिजनक बातें कही थी जिसे लेकर विवाद हुआ और वह पास में पड़े राड से उसके सिर में प्राण घातक हमला करते हुये पत्थर पर पटक दिया और फरार हो गया था।
गौरतलब है कि सीतापुर क्षेत्र के ग्राम बेलजोरा निवासी मुनेश्वर चैहान 35 वर्ष जो प्रतापपुर नाका के पास पंडित रामजी उपाध्याय निवास में किराये का मकान लेकर प्रतापपुर चैक स्थित पूर्णिमा हार्डवेयर दुकान संचालक के यहा पिकअप चलाने का काम करता था। गत 28 नवम्बर को वह औरंगाबाद में पिकअप से मछली पहुंचा कर वापस अम्बिकापुर पहुंचा और वाहन का हिसाब किताब अपने मालिक भगवान दत तिवारी को देकर अपने किराये के मकान में चला गया। दूसरे दिन जब वाहन मालिक भगवान दत्त तिवारी उसके मोबाईल में फोन किया तो उसका मोबाईल बंद बताया जिस पर उसके घर जाकर देखा तो घर के बाहर ताला लटका मिला। 30 नवम्बर पिकअप चालक ताला बंद कमरे में गंभीर रूप से आहत अवस्था में मिला था। पुलिस व पिकअप मालिक द्वारा आहत चालक मुनेश्वर को तत्काल जिला अस्पताल में दाखिल कराया गया था जहां दो दिनों तक पीडि़त के स्थिति में सुधार नहीं होने पर उसे रायपुर के ले जाया गया था। दो दिनों तक रायपुर में उपचार के बाद पैसा खत्म हो जाने पर परिजन उसे लेकर वापस सीतापुर बेलजोरा आ गये थे और आहत युवक का उपचार सीतापुर अस्पताल में करवा रहे थे। युवक की स्थिति गंभीर होने पर उसे अम्बिकापुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उसकी मौत हो गई थी।
पुलिस अज्ञात के विरूद्ध हत्या का मामला दर्ज कर पतासाजी में जुटी हुई थी। जांच के दौरान पुलिस को युवक का डायरी मिला जिसमें उसके दोस्त असलम आत्मज सहाबुद्दीन उम्र 30 वर्ष जो बलरामपुर जिला के चांदो थाना क्षेत्र अंतर्गत नवाडीह का रहने वाला है। डायरी में असलम के साथ लेन-देन का ब्यौरा मिला। पुलिस असलम की लगातार पतासाजी में जुटी हुई थी लेकिन उसका कुछ भी पता नहीं चल रहा था। इसी बीच पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि असलम गोधनपुर मोहल्ले में घूम रहा है। क्राइम ब्रांच व कोतवाली पुलिस ने घेराबंदी कर उक्त युवक को गिरफ्तार कर सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपने दोस्त मुनेश्वर की हत्या करना स्वीकार किया। असलम ने पुलिस को बताया कि घटना के दिन दोनों शराब पिये हुये थे और बैठकर ताश खेल रहे थे। इसी बीच वह मुनेश्वर ने असलम से कहा कि शादी के 7-8 साल हो गये हैं लेकिन अभी तक कोई बच्चा नहीं हुआ है साथ ही मुनेश्वर असलम की पत्नी के बारे में आपत्तिजनक बात कही, जिसे सुन असलम भड़क गया और दोनों में झुमाझटकी होने लगी। झुमाझटकी के दौरान असलम ने पास ही रखे एक लोहे ही रॉड से उस पर हमला कर दिया और कमरे मेें ही पटक दिया, जिससे गिरते ही मुनेश्वर के सिर में पत्थर से जा टकराया और मौके पर ही अचेत हो गया। मुनेश्वर को मृत समझकर असलम उसी के ताले से कमरा को बंद कर चाभी बाहर फेंक फरार हो गया। घटना के बाद असलम पुलिस से बचने के लिये अपनी बहन के यहां औरंगाबाद चला गया। कुछ दिनों तक औरंगाबाद में रहने के बाद झारखण्ड के बरगड़ में रिश्तेदार के यहां रहा। उसके कुछ दिन बाद वह अपने मामा बौरीपारा निवासी आटो चालक के यहां रूका हुआ था, जिसकी भनक लगते ही पुलिस ने आरोपी को गोधनपुर से गिरफ्तार कर लिया।