ग्रामीणों ने लगाई थी न्याय की गुहार
सूरजपुर/प्रतापपुर
प्रतापपुर तहसील क्षेत्र के ग्रामीण राजस्व विभाग के कर्मचारियों के मनमाने कार्यप्रणाली से परेशान है। विभाग के कर्मचारियों को न तो शासन के निर्देशों की परवाह है न ही उच्च अधिकारियों का डर। अपने कार्य प्रणाली से निरंतर सुर्खियों में रहने वाले प्रतापपुर राजस्व विभाग के एक और मामले में कलेक्टर सूरजपुर ने एसडीएम प्रतापपुर को जांच का आदेश दिये हैं। मामला ग्राम दुरती मरहट्टा का है। गांव के ग्रामीणों ने कलेक्टर सूरजपुर के समक्ष शपथ पत्र देकर पटवारी द्वारा पैसा और मुर्गा मांगे जाने की शिकायत करते हुए न्याय की गुहार लगाई है।
कलेक्टर को दिए गए शिकायत पत्र में ग्राम दुरती मरहट्टा के ग्रामीणों ने हल्का नं.13 पटवारी समय प्रताप सिंह के विरूद्ध नामजद शिकायत करते हुए बताया कि गरीबो को उनके द्वारा परेशान किया जा रहा है। खेती का समय आ गया, लेकिन ग्रामीणों को सूखा राहत राशि नहीं मिली है। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया है कि छोटे-मोटे काम भी बगैर पैसा लिए नहीं करता है।
ग्रामीणों ने कलेक्टर को मरहट्टा निवासी तिलोचन से साढ़े सात हजार लेने की बात स्वीकार करने का विडियों दिखाया और विडियो में बोला कि ऋण पुस्तिका बनाने हेतु पंद्रह हजार बोला था तुम साढ़े सात हजार रुपये दिए हो इसलिए ऋण पुस्तिका में आधा प्लाट नं., खसरा नं. चढाऊंगा। पूरा पैसा दोंगे तो बचे हुये आधा प्लाट नं., खसरा नं. चढ़ा कर दूंगा। ग्रामीण तिलोचन ने बताया कि पटवारी द्वारा आज तक उसे ऋण पुस्तिका नहीं दिया है। विडियो में पटवारी का कृत्य देख कलेक्टर ने नाराजगी जतायी है।
कलेक्टर को दिया शपथ पत्र
ग्रामीणों ने पटवारी के प्रति आक्रोश को प्रस्तुत करने के लिए शपथ पत्र प्रस्तुत किया, जिसमे ग्रामीण तिलोचन ने बंटवारा, चैहदी, ऋणपुस्तिका हेतु साढ़े सात हजार और देशी मुर्गा देने शपथ पत्र दिया, दिनेश ने फौती नामांतरण हेतु आठ हजार एक वर्ष पूर्व देने, सहाबुद्दीन ने संसोधन आदेश पर नामांतरण के लिए दस हजार देने तथा जाकिर ने दो माह पूर्व सीमांकन तथा ऋण पुस्तिका हेतु दस हजार देने बावत शपथ पत्र प्रस्तुत किया।
हो चुकी है मुख्यमंत्री के जनदर्शन में शिकायत
मुख्यमंत्री जनदर्शन में ग्राम दुरती के अनुज गुप्ता ने ऑनलाइन शिकायत में पटवारी के क्रिया कलाप से त्रस्त होकर शपथ पत्र के साथ आपसी बटवारा के सम्बन्ध में सात हजार रिश्वत पटवारी द्वारा लेने की शिकायत किया तथा अर्जुन ने भी ऑनलाइन शिकायत में दस हजार फौती नामांतरण के लिए पटवारी को देने के सम्बन्ध में शिकायत की है।