अम्बिकापुर
सरगुजा जिला मे नौकरी के नाम पर ठगी करने वालो का तांता लगा है। कोई नौकरी लगाने के नाम पर मजबूर लोगो से रुपए ऐंठ रहा है। तो कोई नौकरी बचाए रखने की धमकी देकर रुपए ऐंठ रहा है। मौजूदा मामला दो ऐसी विधवा महिलाओ से जुडा है जिनमे से एक अपने पति की मौत के बाद अनुकंपा नियुक्ति मे नौकरी कर रही है। तो दूसरी पति के मौत के वर्षो पहले से कलेक्टर दर पर काम कर अपने बच्चो का घर पाल रही है।
इन दिनो आदिवासी विकास विभाग के चक्कर काट रही दो महिलाओ मे से एक का नाम फुलेश्वरी और दूसरी का नाम हिरमनियां बाई है। संतान ना होने की वजह से हिरमनियां के पति ने हरमनिया की सहमति से फुलेश्वरी से शादी कल ली थी। और दोनो पत्नी साथ ही रहती थी । लेकिन 2009 मे आदिवासी विकास विभाग मे भृत्य पद पर पदस्थ पति दोनो पत्नियो को छोडकर दुनिया से रुकसत हो गया । और फिर काफी मुश्किलो के बाद पहली पत्नी हरमनिया की अनुकंपा नियुक्ति मे नौकरी लगी। और वो खलीबा हाई स्कूल मे भृत्य के पद पर काम करने लगी। इधर मृतक की दूसरी पत्नी फुलेश्वरी उसकी मृत्यु के पहले 2003 से ही आदिवासी विकास विभाग मे कलेक्टर दर पर रसोईया की नौकरी कर रही थी। ऐसे मे एक कथित पत्रकार ने विभाग मे उसकी शिकायत कि एक इंसान की अनुकंपा नियुक्त मे दो महिलाएं नौकरी कर रही है। लेकिन इस शिकायत से घबराई महिलाओ ने जब उस पत्रकार से मुलाकात की तो पत्रकार ने 25-50 हजार रुपए देकर मामला रफा दफा करने की बात कही।
पीडित महिलाओ की माने तो इस मामला मे कथिक पत्रकार द्वारा रुपयो की मांग की जा रही है तो विभाग के कर्मचारियो भी उन्हे मामले मे उलझाने का प्रयास कर रहे है। हांलाकि अब पूरे मामले की शिकायत आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त श्री परस्ते के पास पंहुच गई है। और वो इस मामले मे नियमो के मुताबिक अग्रिम कार्यवाही करने की बात कह रहे है। साथ ही नौकरी बचाने के नाम पर अवैध वसूली करने वाले मामले की जांच की दलील भी दे रहे है।
से तो जिले भर मे दर्जनो शासकीय कर्मचारी फर्जी दस्तावेजो के आधार पर नौकरी कर रहे होगे। लेकिन ऐसे मे दो विधवा महिलाओ की जायज और छोटी सी नौकरी पर बुरी नजर डालना शायद विधवा महिला की सुरक्षा पर सवाल है। बहरहाल पति की मौत के बाद कलेक्टर दर पर हास्टल मे खाना बना कर दो बच्चो को पाल रही फुले·ारी और पति की मौत के बाद अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त करने वाली हिरमनियां फिलहाल डरी सहमी है। और इन्हे जरुरत है तो महज प्रशासनिक मदद की।