[highlight color=”red”]अधिकारियों की लापरवाही से नशे के सौदागरों के फंदे में फंसे सूरजपुर के कई क्षेत्र [/highlight]
[highlight color=”yellow”]अम्बिकापुर 17 जुलाई[/highlight]
[highlight color=”black”]दीपक सराठे की रिपोर्ट[/highlight]
नशे के सौदागरों और देश दुश्मन कोयलांचल के युवा वर्ग को नशे का आदी बनाकर गर्त में डूबोने के काम को बखूबी अंजाम दे रहे हैं, जबकि जिम्मेदार अधिकारी सौदागरों के रैकेट का पर्दाफाश करने की वजाय उनको संरक्षण दे रहे हैं। ऐसे में सूरजपुर जिले के कोयलांचल क्षेत्र का युवा वर्ग और स्कूली छात्रों का भविष्य चौपट होता जा रहा है। नशे की लत को पूरा करने के लिये नशेड़ी अपने घरों के कीमती आभूषण और पाठ्य पुस्तक का बेच रहे हैं। पूर्व में ऐसे कई मामले विश्रामपुर, भटगांव, जरही, कुम्दा कॉलरी क्षेत्र से सामने आ चुके हैं। अभिभावक भी सब कुछ जानकर अपने बच्चों को नशे के समन्दर से निकाल नहीं पा रहे हैं।
सूरजपुर जिले के कोयलांचल क्षेत्रों में नशे के सौदागरों का बड़ा व संगठित रैकेट लम्बे समय से युवा वर्ग को नशे की लत लगाने के अपने काम को बखूबी अंजाम दे रहा है। नशीले पदार्थों को जिले के बाजारों में पहुंचाने और बेचने का जिम्मा संभालने वाले गिरोह के सदस्यों को अधिकारियों और संबंधित विभाग के कर्मियों का संरक्षण प्राप्त होने से नशे का यह कारोबार बदबस्तूर जारी है। गिरोह के लोगों का अपने इलाके के पुलिस के साथ काफी अच्छा संबंध भी जग जाहिर है, जिससे गिरोह की कारगुजारियों की सूचना देने वालों को भी पुलिस पर भरोसा नहीं हो पाता है। हथियार बेचने और सेक्स रैकेट चलाने वाले असामाजिक तत्वों ने पिछले कुछ वर्षों में विश्रामपुर, भटगांव व उसके आसपास के क्षेत्रों में गांजा व ज्यादातर मेडिकल नशीली दवाईयों के कारोबार में अपना साम्राज्य बना लिया है, जिससे होने वाली आय का एक बड़ा हिस्सा संबंधित थाना क्षेत्र के जिम्मेदारों को नियमित तौर पर ईमानदारी पूर्वक पहुंचाया जाता रहा है। नशे के कारोबारी अगर हिस्सा देने में आना-कानी करते हैं तो क्षेत्र की पुलिस एकाध दो कार्यवाही करके अपनी पीठ थपथपा लेती है। इस धंधे से जुड़े एक पुराने कारोबारी का कहना है कि पुलिसिया अंकुश को निष्क्रिय रखने के लिये बाहर से आने वाले मादक पदार्थों की मुखबिरी कर संबंधित थाना को भी उसके विभाग में सम्मान दिलाने का काम रैकेट चलाने वाले सुनियोजित तरीके से समय-समय पर करते हैं।
[highlight color=”green”]बाजारों में खुलेआम बिकती है नशीली दवाईयां[/highlight]
सूरजपुर जिले के कोयलांचल क्षेत्रों में पूर्व की बात करें तो पुलिस ने सैकड़ो ऐसे मामले सामने लाये हैं, जिसमें नशीली दवाईयां भारी संख्या में क्षेत्र में खपाये जाने का खुलासा हुआ है। यहां तक की दूसरे प्रदेशों से आने वाले तस्करों को भी गिरफ्तार किया जा चुका है, परंतु अभी भी क्षेत्र के छोटे धंधे बाजों को पुलिस ने खुली छूट दे रखी है। अब तो बाजारों में कई जगह खुले रूप से नशीली दवाईयों के साथ-साथ गांजा व अन्य मादक पदार्थों की बिक्री ने जोर पकड़ रखा है।
[highlight color=”green”]सुलेशन व वाईटनर की होती है रिकार्ड बिक्री[/highlight]
इन कोयलांचल क्षेत्रों में गरीब वर्ग के और बच्चो के द्वारा नशे की लत को पूरा करने सुलेशन व वाईटनर का नशा खुले आम किया जा रहा है। इनमें अधिकांश लोग दयनिक मजदूरी करने वाले और सरकारी स्कूल के बच्चे हैं। विश्रामपुर क्षेत्र के रेल्वे स्टेशन और आसपास के गलियों में गुजर-बसर करने वाले शत प्रतिशत लोग इस नशे के आदी हैं। अधिकांश बच्चों को वाईटनर लगाकर कपड़े मुंह में लगाकर नाक से सांस लेते हुये देखा जा सकता है।