धान खरीदी के साथ शुरू हुआ किसानो का शोषण..काला-बाजारियो का आया सीजन

किसानों के शोषण का केन्द्र बना बंजा धान खरीदी केन्द्र

धान खरीदी केन्द्र में किसानों को नहीं मिल रही सुतली व हमाली राषि

सूखती के नाम पर अधिक वजन में भी ले रहे धान

सूरजपुर

समर्थन मूल्य पर किसानों का धान खरीदने के उद्देष्य से स्थापित धान खरीदी केन्द्र बंजा (सोनपुर) किसानों के शोषण का केन्द्र मात्र बनकर रह गया है। खरीदी केन्द्र में शासन द्वारा निर्धारित नियमानुसार वजन से ज्यादा वजन में भी धान लिया जा रहा है। वहीं किसानों को हमाली राषि व बारदानों को सिलने के लिए सूजा-सूतली भी प्रदान नहीं किया जा रहा है। हमाली व सूतली की राषि में व्यापक पैमाने पर प्रबंधन द्वारा भ्रष्टाचार किया जा रहा है। ग्रामीण किसानों ने इसकी जांच कराने की मांग भी जिला प्रषासन से की है।

भैयाथान जनपद पंचायत के ग्राम बंजा (सोनपुर) में स्थापित धान खरीदी केन्द्र पर किसानों से अधिक वजन मंे धान लिए जाने का आरोप किसानो ने लगाया है। किसानों ने बताया कि शासन द्वारा निर्धारित नियमानुसार बोरी सहित में 40.600 किलोग्राम धान लिया जाना है। जबकि धान खरीदी केन्द्र प्रबंधन द्वारा बोरी सहित 41.400 किलोग्राम धान लिया जा रहा है। इस प्रकार सूखती के नाम पर प्रति बोरी किसानों से 800 ग्राम अधिक धान लिया जा रहा है। इतना ही नहीं समिति में धान विक्रय हेतु जाने पर प्रबंधन द्वारा धान खराब है कहकर वाहियात तरीके से परेषान भी किया जाता है। वहीं दूसरी ओर किसानों से ही हमाल कराया जा रहा है और उन्हें बोरों की सिलाई के लिए सूजा और सूतली भी नहीं प्रदान किया जा रहा है। किसानों को स्वयं ही सूजा और सूतली की व्यवस्था कर बोरों की सिलाई और धान की पलटी की जा रही है। इस संबंध में प्रबंधन से पूछने पर उनका अपना राग अलापा जा रहा है। समिति के धान खरीदी प्रभारी जितेष श्रीवास्तव का कहना है कि जिन किसानों को जल्दी है वे अपना धान स्वतः ही पलट रहे हैं। समिति की दो मषीनें खराब हालत में हैं और दो मषीनें किसानों को तौलने के लिए दी गईं है।

निगरानी समिति महज नाम का

धान खरीदी में गड़बड़ी रोकने के लिए निगरानी समिति का गठन तो किया गया है। किसानों ने बताया कि निगरानी समिति की लापरवाही के कारण समिति का कोई असर प्रबंधन पर दिखाई नहीं दे रहा है।

सूजा-सूतली नहीं दे रही समिति

ग्राम जूर के किसान कुर्बान अली ने बताया कि समिति द्वारा सूजा-सूतली प्रदान नहीं किया गया है। धान को वजन करने के लिए मषीन उपलब्ध न होने के कारण पिछले दो दिनों से वह समिति में धान की पहरेदारी करने के उसे इस कड़कड़ाती ठंड में सोना पड़ रहा है।

100 बोरी में 1 बोरी

ज्यादा धान लेने का नया नियम इस धान खरीदी केन्द्र में इजाद किया गया है। 100 बोरी से ज्यादा धान देने पर समिति द्वारा 1 बोरी ज्यादा धान प्रबंधन द्वारा लिया जा रहा है। ग्राम जूर निवासी बजरंग साहू ने उक्ताषय का आरोप लगाते हुए बताया कि धान पलटने, चट्टा बनाने व बोरों की सिलाई किसानों से ही कराई जा रही है। इसके एवज में किसानों को कुछ भी नहीं दिया जा रहा है।

धान खरीदी प्रभारी समझें

इस संबंध में समिति प्रबंधक जितेन्द्र मिश्रा से पूछे जाने पर उन्होंने सवाल को टालते हुए कहा कि धान खरीदी प्रभारी ही इन सब मसले को समझेंगे। अगर ऐसा है तो चीजों को ठीक किया जाएगा।