बलरामपुर (कृष्ण मोहन कुमार) जिले के सेमरसोत अभ्यारण्य क्षेत्र के ग्राम दलधोवा के जंगलों में 12 हाथियों का दल विचरण कर रहा है,वही इन हाथियों की गतिविधियों पर नजर बनाए रखने के लिए वाइल्ड लाईफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया से 2 रिसर्चरों की टीम सेमरसोत आभ्यरण्य में पहुची हुई है। गौरतलब है कि हाल ही में हाथियों के दल ने एक शावक को जन्म दिया है, और तब से हाथी नेशनल हाइवे 343 के किनारे स्थित सेमरसोत आभ्यरण्य क्षेत्र के दलधोवा के जंगलों में डेरा जमाए हुए है, वही हाथियों के गतिविधियों को परखने वाइल्ड लाईफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया देहरादून से लक्ष्मी नारायणन,मनीष कुमार दो रिसर्चरो की टीम बलरामपुर जिले में पहुँची है,तथा हाथियों के वर्तमान स्थिति में मौजूदा स्थानों को ट्रेस कर हाथियों के स्वभाव और जानकारी के सम्बंध में जानकारी एकत्र कर रहे है।
रेडियो कॉलर से कर सकेंगे ,लोकेशन ट्रेस
वही हाथियों के स्वभावो की जानकारी ये रिसर्चर हाथियों के कानों से देख कर पता लगाएगे,और इसके बाद रेडियो कॉलर लगाकर हाथियों के लोकेशन को कम्प्यूटर के माध्यम से ट्रेस किया जा सकेगा।
कुसमी के रास्ते आया गजदल,
इसके अलावा आभ्यरण्य क्षेत्र में मौजूद गजदल की पल पल की खबर विभागीय अधिकारी ले रहे है,और ग्रामीणों को जंगल मे जाने से मना कर दिया गया है। सेमरसोत अधीक्षक एस एन नेताम की माने तो 12 हाथियों का यह दल पखवाड़े भर से कुसमी के जंगलों से आभ्यरण्य क्षेत्र के ग्राम कोटपाली से होते हुए,ग्राम दलधोवा के जंगलों में आ पहुँचा है,यही नही एलिफेंट रिजर्व जोन क्षेत्र है,जहाँ अक्सर हाथियों की आमद रफ्त होते रहती है । वही जंगल से लगे गाँवो में गजराज के विचरण करने से ग्रामीण दहशत के माहौल में है,तो वही हाथियों के हमेशा से होने वाली आमद रफ्त को देखते हुए विभाग ने इस ओर अब तक क्यो ध्यान नही दिया,यह समझ से परे है।