दिवंगत पूर्व केन्द्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल की जयंती मनाई गई…

अम्बिकापुर

मध्यप्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री पं. रविशंकर शुक्ल व पूर्व केन्द्रीय मंत्री तथा जीरम घाटी नक्सली हमले में शहीद पं. विद्याचरण के जन्म दिवस पर जिला कार्यालय कोठीघर में कांग्रेसजनों ने पुष्पांजलि अर्पित कर कांग्रेस के लिये उनके द्वारा किये गये कार्यों को याद किया।

 

जिला कार्यालय कोठीघर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पं. रविशंकर शुक्ल व पं. विद्या चरण शुक्ल की छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने कहा कि मध्यप्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री पं. रविशंकर शुक्ल जी ने देश की आजादी के लिये सर्वस्व न्यौछावर किया और फिर आज़ादी के बाद सीपी और बेरार के प्रथम मुख्यमंत्री रहे तथा 1 नवम्बर 1956 को अस्तित्व में आये नये राज्य मध्यप्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री बने। जिलाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने पं. विद्याचरण शुक्ल के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होने छह दशकों तक भारतीय राजनीति में सतत योगदान दिया है। 1957 के जनरल इलेक्शन में कांग्रेस पार्टी ने महासमुन्द से विद्या चरण शुक्ल जी को अपना उम्मीद्वार बनाया था और शुक्ल जी ने कांग्रेस के विश्वास को आगे बढ़ाते हुए संसद में सबसे युवा संसद के रूप में पहुंचे। पं. विद्याचरण शुक्ल जी ने कांग्रेस को आगे बढ़ाने का निरंतर प्रयास किया। आमजनों व पार्टी के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं के बीच कभी भी उन्हांेने हैसियत व पद को लेकर भेदभाव नहीं किया हमेशा सभी के प्रति उनका व्यवहार एक जैसा रहता था, यहीं कारण है कि आज भी लोग उन्हें अपने बीच पाते हैं। कार्यक्रम को जिला उपाध्यक्ष आलोक दुबे, महामंत्री जेपी श्रीवास्तव, ब्लाॅक अध्यक्ष हेमंत सिन्हा, मिडिया सेल अध्यक्ष द्वितेन्द्र मिश्रा, महिला कांग्रेस अध्यक्षा संध्या रवानी ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर लखनपुर नगर पंचायत अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंहदेव, प्रदीप वर्मा, अनिल पाण्डेय, मो. इस्लाम, प्रमोद चैधरी, राजीव अग्रवाल, निरंजन राय, प्रभात रंजन, सराफत अली, शैलेन्द्र गुप्ता, सिराजुद्दीन, जगनाथ कुशवाहा, निजामुद्दीन, कृष्णा गुप्ता, अनिमेष सिन्हा, विष्णु सिंहदेव, विकास सिंह, श्रीमती फ्रांसिस्का बेक, अंजेला केरकेट्टा, वर्षा सोनी, जूही यादव सहित काफी संख्या में कांग्रेसजन उपस्थित थे।