जांजगीर-चांपा
कहते है सावधानी ही बचाव है। लेकिन कभी कभी जाने अनजाने मे बरती गई असावधानी भी जानलेवा साबित हो जाती है। जिसका प्रत्यक्ष उदाहण आज एक दिल दहला देने वाले हादसे के साथ सामने आय़ा है। दरअसल जांजगीर के बडोसरा के पास आज एक दर्दनाक ट्रेन हादसे मे महिला और उसके तीन साल के बच्चे की मौत उस वक्त हो गई। जब रोते बच्चे को चुप कराने उसकी मां चलती ट्रेन मे दरवाजे के पास खडी थी।
रायगढ़ के रहने वाले सत्यम नवरंग अपनी पत्नी रजनी और तीन साल के मासूम बच्चे के साथ रेलगाडी मे सफर कर रहा था। लेकिन उसे नही मालूम था कि ये उसके परिवारिक जीवन का अंतिम सफर होगा। दरअसल रेलगाड़ी के सफर में अपने में पत्नि और बच्चे को खो चुका सत्यम नवरंग रायगढ का रहने वाला है। सत्यम अपने पत्नि और बच्चे के साथ गोंड़वाना एक्सप्रेस से रायगढ़ से बिलासपुर के लिए रवाना हुआ था। पर जांजगीर के बोड़सरा के पास के पास सीट में बैठा उसका तीन वर्षिय बच्चा आयुश रोने लगा । जिसके बाद रोते बच्चे का मन बहलाने सत्यम की पत्नी रजनी बच्चे को लेकर ट्रेन के दरवाजे के पास चली गई। पर इस दौरान अचानक मां और बेटा दोनों ट्रेन के दरवाजे से नीचे गिर गए ।
इस ह्रदय विदारक घटना के बाद आनन फानन मे ट्रेन मे चैन पुलिंग कर रेलगाड़ी को रोका गया । लेकिन तब तक महिला की मौत हो चुकी थी । इतना ही नही बच्चे के जिंदा होने की आस मे घायल बच्चे को जिला अस्पताल में भर्जी कराया गया । जंहा इलाज के दौरान मासून आयुष ने भी दम तोड़ दिया है। जिला अस्पताल में शव विच्छेदन प्रतिवेदन के बाद मृतकों का शव उनके परिजनों को सौंप दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक सत्यम नवरंग अपने बीबी बच्चे के साथ अपने बिमार पिता का हाल जानने के लिए बिलासपुर जा रहा था । पर उसे क्या पता था कि यह सफर उसके मासूम बच्चे और पत्नी के जीवन का अंतिम सफर होगा। बहरहाल दिल दहला देने वाली इस घटना मे सत्यम ने अपने परिवार खो दिया है। तो दूसरी ओर मां बेटे के इस आक्समिक मौत ,, रेलगाड़ी में सफर करने के वालों एक सबक है । कि जरा सी खतरनाक लापरवाही आपके जीवन के लिए खतरा हो सकती है।