सरगुजा
अम्बिकापुर की ट्राफिक व्यवस्था सुधारने के लिए अब आप को स्थानिय स्तर से मदद नही मिल पाएगी। क्योकि अगर आप बेहतर ट्राफिक व्यवस्था के लिए स्थानिय स्तर पर आवाज उठाएगे। तो हो सकता है आप को मंत्री स्तर पर आवेदन करने की दलील मिल जाए। ऐसा ही हुआ आज शहर के लालबत्ती गांधी चौक मे जंहा एक यातायात कर्मी ने व्यवस्था सुधारने के लिए मंत्री जी से लेटर लिखा कर लाने की दलील दी है।
अम्बिकापुर के गांधीचौक मे लगा ट्राफिक सिंग्नल मे नियमो की अनदेखी ,, राहगीरो के लिए मुसीबत बनती जा रही है। क्योकि शहर के लोगो ने लालबत्ती चौराहे पर रुकने की आदत तो डाल ली है। लेकिन इस चौराहे पर लालबत्ती के दौरान रुकना किस तरफ है ये बताने के लिए तैनात पुलिसकर्मी ट्राफिक के नियमो कायदे बताने के बजाय राहगीरो से बदसलूकी करते नजर आते है। दरअसल रोजाना की तरह आज भी गांधीचौक मे नियम के मुताबिक लालबत्ती के दौरान बांए हाथ का खुला रहने वाला रास्ता वाहनो की भीड के कारण बंद था। तो बांए हाथ की तरफ जाने वाले कुछ लोगो ने ट्राफिक पुलिस प्रमोद नायक से रास्ता खुलवाने की गुजारिश की। तो पहले तो उसने अम्बिकापुर के लोगो देहाती कहा ,, बाद मे उसने कहा कि इस व्यवस्था को सुधारने के लिए मंत्री से लेटर लिखवा कर लाओ …
अम्बिकापुर की ट्राफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए पुलिस कप्तान ने शहर मे वन-वे-ट्राफिक प्रणाली और लालबत्ती चौहारो के निर्माण जैसी तमाम व्यवस्था शुरु करवा दी है। लेकिन यातायत व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के लिए चौहारो मे तैनात पुलिसकर्मी अपना बेहतर काम ना कर पाने की वजह से खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे वाले मुहावरे को चरितार्थ करते है। लेकिन इस मसले को लेकर हमने जब यातायात प्रभारी भारद्वाज सिंह से बातचीत की,, तो उन्होने ये कहा कि इस तरह की बात करने के लिए किसी भी जवान को सिखाया नही गया है।
खैर शहर के मुख्य गांधी चौक मे तैनात पुलिसकर्मी प्रमोद नायक को ट्राफिक व्यवस्था सुधारने के लिए मंत्री जी के लेटर का इंतजार है। तो ये देखना लाजमी होगा कि अम्बिकापुर की यातायात व्यवस्था के लिए मंत्री जी कितनी मेहरबानी करते है। बहरहाल हमारा उद्देश्य किसी पुलिस जवान का अहित करना नही है। अगर वो जनहित मे काम करे तो।