रायपुर. छत्तीसगढ़ प्रदेश के पूर्व सीएम अजित जोगी के जाति प्रकरण में कल नया मोड़ आया. डीडी सिंह की अध्यक्षता में में गठित SIT टीम ने अपना फैसला सुनाते हुए अजित जोगी को आदिवासी मानने से इंकार कर दिया.
जिसके बाद अजित जोगी के बेटे अमित जोगी ने कहा की देर रात जो मेरे पिताजी के जाति प्रमाण पात्र रद्द करने का फैसला लिया गया. वो छत्तीसगढ़ शासन द्वारा गठित उच्चस्तरीय छानबीन समिति द्वारा नहीं. बल्कि भूपेश द्वारा गठित निम्न स्तरीय ‘छीनबीन समिति’ द्वारा लिया गया है. समिति के सदस्यों ने. कोरे कागज़ों पर दस्तख्त करके मुख्यमंत्री को सौंप दी. की इसमें जो आदेश लिखना है लिखिए.
अजित जोगी की 73 पुरानी कँवर जनजाति होने के अधिकार को उन्हें उनके विरुद्ध प्रमाण दिखाय बिना, उन्हें बिना सुनवाई का अवसर दिए बिना, उनके पक्ष में ग्राम सभा प्रस्ताव और उच्च न्यायालय के आदेश को रिकार्ड में लिए बिना, आनन-फ़ानन ख़ारिज कर किया. मतलब साफ़ है. समिति के सदस्यों ने केवल कोर काग़ज़ों में दस्तखत करे हैं, इसको उच्च और सर्वोच्च न्यायालय के हम चुनौती देंगे. पूरा भरोसा है कि न्यायपालिका हमारे साथ अन्याय नहीं होने देगी.